न्यायपीठ सीडब्ल्यूसी के न्याय प्राधिकारी डाॅ कुलदीप त्यागी ने बताया कि किशनपुर बराल की तीन नाबालिग बहनों ने सीडब्ल्यूसी से शिकायत की। बच्चियों ने सीडब्ल्यूसी के न्याय प्राधिकारी राजीव यादव और मालती शर्मा के सामने बताया कि उनकी मां की मृत्यु हो चुकी है और उनका पिता शराब पीकर उन्हें बुरी तरह से पिटता है। किसी तरह से पड़ोसियों के घर में घुसकर वह अपनी जान बचाती हैं। हालाकि हैरानी तब हुई जब उन्होंने बताया कि जब बेरहम पिता उन्हें पिटता है तो दादी उन्हें बचाने और अपने शराबी बेटे को रोकने के बजाय उसका साथ देती हैं।
बता दें कि एक बच्ची की उम्र 15 वर्ष, दूसरी की आयु 12 वर्ष और तीसरी बहन की आयु छह वर्ष है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चियों ने कहा कि उनकी दादी तीनों बहनों को घर से बाहर निकालना चाहती है, ताकि वह पिता की दूसरी शादी कर सकें। इससे पहले लड़का पैदा नहीं होने के कारण दादी ने उनकी मां का भी जीना मुहाल कर दिया था। सीडब्ल्यूसी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। सीडब्ल्यूसी का कहना है कि यह कृत्य बहुत ही घिनौना है। लड़कियों का उत्पीड़न करना किशोर न्याय अधिनियम के तहत आपराधिक कृत्य है।
इस मामले में बच्चियों के आरोपित पिता और दादी को सीडब्ल्यूसी में तलब किया गया। बच्चियों के पिता व दादी ने उनके आरोपों को नकार दिया और सारे बवाल के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया है। फिलहाल बच्चियों को उनकी चाची की सुपुर्दगी में दिया गया है। सीडब्ल्यूसी ने सच्चाई का पता लगाने के लिए इस मामले की जांच संरक्षण अधिकारी और पुलिस को सौंप दी है।