scriptमां की मौत के बाद अपनी तीन बेटियों के लिए पिता बन गया जल्लाद, दादी भी देती थी साथ, बेटियों ने किया खुलासा | After mother's death, father beats his daughters , CWC inquiry submitt | Patrika News

मां की मौत के बाद अपनी तीन बेटियों के लिए पिता बन गया जल्लाद, दादी भी देती थी साथ, बेटियों ने किया खुलासा

locationबागपतPublished: Jul 06, 2019 02:39:06 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

बाप बना अपनी ही बेटियों की जान का दुश्मन
मां की मौत के बाद नशे में बेटियों के साथ करता है मारपीट
बच्चियों ने दादी की भी खोली पोल, सीडब्ल्यूसी को बताया पिता का देती है साथ

bagpat

मां की मौत के बाद अपनी तीन बेटियों के लिए पिता बन गया जल्लाद, दादी भी देती थी साथ, बेटियों ने किया खुलासा

बागपत। बागपत से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आपका भी दिल भर आएगा। जहां मां की मृत्यु की बाद जिस पिता को अपने तीन बेटियों का सहारा बनना था। उनका परिवार बनना था। उसी पिता ने बच्चियों के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। वो बाप अपनी ही तीन मासूम बेटियों की जान का दुश्मन बन गया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी दादी को लेकर भी खुलासा किया। जिससे बचने के लिए बेटियां अब सीडब्ल्यूसी के सामने पेश हुई और अपनी पीड़ा बताई। सीडब्ल्यूसी ने मामले को गंभीरता से लेकर आरोपित पिता और उसकी दादी को तलब किया तो उन्होंने बेटियों के आरोप को नकार दिया। हालाकि सीडब्ल्यूसी ने इस मामले की जांच संरक्षण अधिकारी व पुलिस को सौंप दी है।
न्यायपीठ सीडब्ल्यूसी के न्याय प्राधिकारी डाॅ कुलदीप त्यागी ने बताया कि किशनपुर बराल की तीन नाबालिग बहनों ने सीडब्ल्यूसी से शिकायत की। बच्चियों ने सीडब्ल्यूसी के न्याय प्राधिकारी राजीव यादव और मालती शर्मा के सामने बताया कि उनकी मां की मृत्यु हो चुकी है और उनका पिता शराब पीकर उन्हें बुरी तरह से पिटता है। किसी तरह से पड़ोसियों के घर में घुसकर वह अपनी जान बचाती हैं। हालाकि हैरानी तब हुई जब उन्होंने बताया कि जब बेरहम पिता उन्हें पिटता है तो दादी उन्हें बचाने और अपने शराबी बेटे को रोकने के बजाय उसका साथ देती हैं।
बता दें कि एक बच्ची की उम्र 15 वर्ष, दूसरी की आयु 12 वर्ष और तीसरी बहन की आयु छह वर्ष है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चियों ने कहा कि उनकी दादी तीनों बहनों को घर से बाहर निकालना चाहती है, ताकि वह पिता की दूसरी शादी कर सकें। इससे पहले लड़का पैदा नहीं होने के कारण दादी ने उनकी मां का भी जीना मुहाल कर दिया था। सीडब्ल्यूसी ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। सीडब्ल्यूसी का कहना है कि यह कृत्य बहुत ही घिनौना है। लड़कियों का उत्पीड़न करना किशोर न्याय अधिनियम के तहत आपराधिक कृत्य है।
इस मामले में बच्चियों के आरोपित पिता और दादी को सीडब्ल्यूसी में तलब किया गया। बच्चियों के पिता व दादी ने उनके आरोपों को नकार दिया और सारे बवाल के लिए उन्हें ही जिम्मेदार ठहराया है। फिलहाल बच्चियों को उनकी चाची की सुपुर्दगी में दिया गया है। सीडब्ल्यूसी ने सच्चाई का पता लगाने के लिए इस मामले की जांच संरक्षण अधिकारी और पुलिस को सौंप दी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो