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इस संबंध में मृतका के चाचा ने थाना खेकड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि 3 मार्च 2018 को सुबह करीब 9 बजे उसे पप्पू के मकान से किसी की बचाओ-बचाओं की आवाज सुनाई दी। जब वह मकान के नजदीक पहुंचा तो मकान से हारून पुत्र अख्तर निकलकर भागता हुआ दिखाई दिया। जैसे ही उसने मकान के अंदर जाकर देखा तो उसकी भतीजी का खून से लथपथ शव पड़ा था। एससी-एसटी कोर्ट में चल रहा केस उसने इस संबंध में हारून के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी और आरोप लगाया था कि संभवतया दुष्कर्म के प्रयास का विरोध करने पर आरोपी ने उसकी भतीजी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले की सुनवाई एडीजे स्पेशल एससी-एसटी कोर्ट आबिद शमीम की अदालत में चली। अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल दस गवाह पेश किए गए। गवाहों के बयान व साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए अभी निर्णय सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट इस मामले में आगामी 9 दिसंबर को अपना फैसला सुनायेगा।
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