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इस दवा का करें छिड़काव उन्होंने बताया कि ये टिड्डी शोर मचाने से नहीं बैठती हैं। अतः टिड्डी दल देखते ही समूह में किसान ढोल, नगाड़ा, डीजे (DJ), थालिया, डिब्बे बजाकर उनको खेतों में न बैठने दें। इसके साथ ही दवाई का छिड़काव करके भी इसके प्रकोप से बचा जा सकता है। इसके लिए क्लोरोपायरीफॅास ईसी 20 प्रतिशत अथवा मेलाथियान डस्ट रसायन का छिड़काव खेत में करें। सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे के मध्य छिड़काव करना लाभदायक होता है। यह भी पढ़ें