2005 में शुरू हुई थी खुदाई दरअसल, 2005 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (ASI) ने बागपत के सिनौली गांव में इतिहास को खोजने का काम शुरू किया था। शुरू में यहां 116 शव मिले थे। इसके बाद यहां खुदाई में ताबूत, कब्र, रथ और पुरानी तलवार मिली। इसका संबंध महाभारत (Mahabharat) से जोड़कर देखा गया था। इनको दिल्ली (Delhi) के एएसआई म्यूजियम में भेज दिया गया था। इसके अलावा भी वहां से काफी प्राचीन सामान मिल चुका है। माना जाता है कि बागपत का संबंध हड़प्पा काल से है।
गांव के बीच में स्थित है प्राचीन शिवालय सिनौली गांव के बीच में एक प्राचीन शिवालय स्थित है। बताया जाता है कि ग्रामीणों ने यहां मंदिर का निर्माण कराया था। कुछ दिन से इस मंदिर के मरम्मत का काम चल रहा है। इसे ग्रामीण ही कर रहे हैं। मंदिर के पुजारी यशवीर का कहना है कि इस मंदिर की काफी मान्यता है। मरम्मत के दौरान जब यहां खुदाई की गई तो यहां पर एक सीढ़ीदार रास्ता मिला। इस रास्ते को जब साफा किया गया तो एक दीवार मिली। इसके बाद गांव वालों ने खुदाई का काम रोक दिया और एएसआई को इसकी सूचना दी।
सीढ़ियों के दोनों तरफ है बाउंड्री ग्रामीणों ने बताया कि सीढ़ियों की ईंटें आयताकार हैं। ईंटें बहुत प्राचीन हैं। सीढ़ियों के दोनों तरफ बाउंड्री है। इस पर नक्काशी की गई है। वहां से एक खंडित मूर्ति भी मिली है, जो लाल मिट्टी से बनी है। उनका कहना है कि हो सकता है कि पहले यहां पर मंदिर रहा हो। यहां की सावधानी से खुदाई होनी चाहिए। एएसआई के निदेशक डॉ. संजय मंजुल ने बताया कि इस बारे में उनको सूचना मिली है। जल्द ही टीम के साथ वह गांव जाकर इसकी जांच शुरू करेंगे।