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बड़ी खबर: गठबंधन के इन उम्‍मीदवारों के खिलाफ प्रत्‍याशी नहीं उतारेगी कांग्रेस

locationबागपतPublished: Mar 18, 2019 09:55:54 am

Submitted by:

sharad asthana

– कांग्रेस के इस फैसले से मिलेगा चौधरी अजित सिंह व जयंत चौधरी को फायदा
– बसपा सुप्रीमाे मायावती के खिलाफ भी कांग्रेस नहीं उतारेगी अपना प्रत्‍याशी
– बागपत और मुजफफरनगर सीट पर अब रालोद का सीधा मुकाबला भाजपा से

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बड़ी खबर: गठबंधन के इन उम्‍मीदवारों के खिलाफ प्रत्‍याशी नहीं उतारेगी कांग्रेस

बागपत। प्रदेश भर में भाजपा को घेरने में जुटा विपक्ष कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है। गठबंधन के सभी दिग्गज नेताओं के लोकसभा चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी न उतारने का फैसला लिया है। बागपत में जयंत चौधरी और मुजफ्फरनगर में चौधरी अजित सिंह के सामने परेशानी खड़ी करने वाली कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी। इसके अलावा मैनपुरी, कन्‍नौज आैर फिराजोबाद से भी कांग्रेस अपना उम्‍मीदवार नहीं उतारेगी। बसपा सुप्रीमाे मायावती के खिलाफ भी कांग्रेस ने अपना प्रत्‍याशी न उतारने की ऐलान किया है।
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ये हो सकते हैं भाजपा के उम्‍मीदवार

बागपत से लेकर मुजफरनगर तक अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए रालोद पूरे प्रयास कर रही है। चौधरी अजित सिंह गठबंधन के साथ चुनाव लड़ना चाहते थे। उनकी यह तमन्ना भी पूरी हो गई, लेकिन कांग्रेस द्वारा गठबंधन में शामिल न होने की घोषणा से उन्‍हें जरूर झटका लगा था। उन्‍होंने कांग्रेस से बात की और अपनी सीट से किसी प्रत्याशी को न उतारने पर रजामंद कर लिया। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस ने रालोद के लिए मुजफ्फरनगर और बागपत सीटें छोड़ दी हैं। इसके चलते बागपत और मुजफफरनगर सीट पर अब रालोद का सीधा मुकाबला भाजपा से होगा। बागपत में भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री सत्‍यपाल सिंह और मुजफ्फरनगर से संजीव बालियान को टिकट मिल सकता है।
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आज भी जारी है जाट आरक्षण की सियासत

गौरतलब है कि 1967 में चौधरी चरण सिंह भी कांग्रेस के थिंक टैंक में शामिल रहे हैं। कांग्रेस और रालोद का साथ भी रहा है। 2009 में भाजपा के साथ चुनाव लड़ने वाली रालोद ने कांग्रेस में शामिल होकर जाट आरक्षण दिलाने का दावा भी किया था। ये बात अलग है कि जाट आरक्षण पर आज भी सियासत जारी है। अब गठबंधन के साथ मिलकर रालोद जीत के रथ पर सवार होने का सपना सजाए हुआ है।

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