दरअसल खेतों मे किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे गोवंशों से परेशान होकर ग्रामीणों ने महेश मन्दिर के समीप एक अस्थायी गौशाला बनवायी थी। जिसमे ग्रामीणों ने तादाद से ज्यादा गोवंशों को छोड़ दिया। इसके बाद वहां एक अस्थायी गौशाला का निर्माण भी प्रशासन द्वारा कराया गया। महेश मन्दिर के महंत एकादंश गिरि व ग्रामीणों ने बताया की गोशाला में सौ गोवंशों को रखने की व्यवस्था थी। लेकिन उसमे 180 गोवंशों को छोड़ दिया गया। जिनके मरने का सिलसिला जारी है।
उन्होंने बताया की रात्रि भी दो गोवंशं मर गये इसके अलावा हर सप्ताह गोवशं मरते जा रहे है। जिससे लेकर न प्रशासन सचेत है और न ही डाक्टर। आरोप है आज तक एक भी बीमार गोवंश को पशुओं के डॉक्टर ने नहीं बचाया, डॉक्टर खाना पूर्ति कर चले जाते हैं।
उन्होंने बताया की अब तक दर्जनों गोवंशों की मौत हो चुकी है। जिस कारण मन्दिर के आस पास बदबू रहती है। वहीं गोवंशों के साथ हो रहे अत्याचार देखे नहीं जाते। महेश मन्दिर के महंत एकादश गिरि ने कहा की यहां से गौशाला को हटवाकर सरकारी गौशाला में गोवंशों को भेजा जाये। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा अगर ऐसा न किया गया तो वह साधु सन्तों के साथ डीएम कार्यलय पर धरना प्रदर्शन करेगे।