छह माह पहले ही जिला अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा शुरू की गई थी। छह माह पहले शुरू हुई इस सुविधा का उद्धघाटन सीएमएस बीएल कुशवाहा ने किया था। बताया गया है कि एक महीने तक यहां पर सीटी स्कैन कराने वालों की संख्या कम थी, लेकिन एक माह बाद ही सिटी स्कैन कराने वालों की संख्या बढ़ गई। इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय की गई। शिकायत मिलने पर एनएचएम की टीम जिला अस्पताल स्थित सिटी स्कैन यूनिट पहुंची। एनएचएम के सहायक प्रबंधक रणजीत सिंह और सौरभ कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
यहां उन्होंने हर माह की रिपोर्ट चेक की तो उसमें सामने आया है कि एक—एक डॉक्टरों ने 500 से ज्यादा मरीजों की सिटी स्कैन के जरिये जांच कराई। आरोप है कि जिन मरीजों को सिटी स्कैन की जरुरत ही नहीं थी, उनकी भी जांच कराई गई। पूरे मामले को देखते हुए जिला अस्पताल के चार डॉक्टरों को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। इनकी अनुमति के बाद ही अब सिटी स्कैन हो सकेगा।
पूरे मामले में यह भी देखा जा रहा है कि डॉक्टरों को पैसे देकर तो सिटी स्कैन की जांच तो नहीं लिखवाई गई है। डाक्टरों को सख्त हिदायत दी गयी है। सीएमओ जितेंद्र वर्मा का कहना है कि एनएचएम की टीम ने जांच शुरू कर दी।