बामनौली निवासी महेशपाल पुत्र स्व रामपाल सिंह डीएम दफ्तर पहुंचे। महेशपाल ने बताया कि उसके पिता को नशबंदी कराने पर सरकार नेे पांच बीघा जमीन दी थी। लेकिन कुछ वर्ष बाद दबंगों ने उस पर कब्जा कर लिया। जमीन को लेकर मुकदमा चला तो तीन बीघा जमीन जिला प्रशासन ने दिला दी। 2 बीघा जमीन को लेकर अभी भी मुकदमा चल रहा हैं। 2016 में हुई चकबंदी में फरद पर उनके नाम जमीन दर्शायी गयी। आरोप है कि चकबंदी अधिकारियों ने चकबदीं के दौरान भी उन्हें जमीन नहीं दी।
आरोप है कि आए दिन उच्च अधिकारियों से पीड़ित परिवार शिकायत कर चुका हैं। उसके बाद भी उनकी समस्या की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। आरोप है कि मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह का ऐलान किया है। बता दे कि इससे पहले भी किसान राष्ट्रपति से इच्छामृत्यू की मांग कर चुका है। जिसमें किसान पर ही 151 की कार्रवाई कर दी गयी थी। एक बार फिर किसान ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास पर परिवार के साथ आत्मदाह करने का ऐलान किया है।