बागपत

चौधरियों की इस बेल्ट में बच्चों की नाक पर बैठा गुस्सा, जरा सी बात पर छोड़ देते हैं घर

पश्चिमी यूपी के प्रमुख जिलों में सहारनपुर, बागपत, मेरठ और शामली प्रमुख हैं। ये जिले देश के इतिहास और राजनीति के कारण हमेशा से सुर्खियों में रहता है। इससे भी अधिक सुर्खियों में रहने का कारण यहां की जाट बिरादरी के लोग हैं। जो कि किसी न किसी कारण से चर्चाओं में रहते हैं।

बागपतOct 21, 2021 / 04:34 pm

Nitish Pandey

बागपत. छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना, किसी चीज को पाने के लिए हद से ज्यादा जिद करना यूं तो हर बच्चे करते हैं। लेकिन बात-बात पर घर से भाग जाने की धमकी देने जैसा काम बागपत के बच्चे अधिक करते हैं। धमकी देने के साथ ये बच्चे इसको पूरा भी कर देते हैं। हालांकि चिकित्सक बच्चों की इस स्थिति को अवसाद में ढकेलने वाला मानते हैं। जिसके चलते वह घर से भागने जैसा कदम उठाता है।
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अब तक बरामद हुए 532 बच्चे

जीआरपी व आरपीएफ ने पिछले चार साल में ऐसे 532 बच्चों को रेलवे स्टेशनों या ट्रेनों से पकड़ा, जो माता-पिता से गुस्सा होने पर जरा सी बात पर घर से भाग गए थे। ऐसे बच्चों को अफसरों ने उनके घर तक सकुशल पहुंचा तो दिया है, लेकिन तेजी से बढ़ते इस तरह के मामलों से हैरान भी है। आंकड़ों की माने तो इन चार साल में सहारनपुर से 150, दिल्ली से 139, शामली से 113, बागपत से 92 और मेरठ से 38 बच्चों ने घर छोड़ा है।
कंडक्ट डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं बच्चे

नोडल अधिकारी मानसिक रोग डॉ. अजेंद्र मलिक बताते है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चे कंडक्ट डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चे झूठी कहानी बनाते हैं। गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं। अगर वह किसी चीज को चाहने लगे तो उसे पाने के लिए हर हद तक पहुंच जाते हैं। बताया कि व्यस्तता के चलते मां-पिता बच्चों से कम ही बातचीत करते हैं। इससे बच्चों और अभिभावकों के बीच बचपन से ही एक दूरी बन जाती है। ऐसी स्थिति में बच्चे सही गलत का फर्क नहीं समझ पाते हैं।
जीआरपी व आरपीएफ द्वारा स्टेशन से पकड़े गए बच्चों का आंकड़ा

वर्ष बालक बालिका कुल

2018 101 25 126

2019 117 21 138

2020 107 12 119

2021 143 6 149
एसपी जीआरपी अपर्णा गुप्ता ने बताया कि सभी स्टेशनों पर इसकी सख्त हिदायत दी गई है कि जहां कहीं भी बच्चे संदिग्ध परिस्थिति में घूमते हुए या फिर ट्रेन में यात्रा करते दिखाई दें उनसे तुरंत पूछताछ की जाए। अभी तक तो जीआरपी का प्रयास काफी सफल रहा है। आगे भी जारी रहेगा।
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