बागपत में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में लाभार्थियों से अवैध वसूली की शिकायतें और आपात्रों को लाभ देने की शिकायतें लखनउ तक जा पहुंची है। बता दें कि जनपद के बागपत, अग्रवाल मंडी टटीरी, बड़ौत, खेकड़ा, अमीनगर सराय, छपरौली, टीकरी और दोघट कस्बों में 3761 गरीब चयनित हुए हैं। इनमें से 1683 गरीबों को मदद दी जा चुकी है। बाकी को रकम देना अभी बाकी है। गौरतलब है कि इस योजना में प्रति लाभार्थी ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं। सरकार की मंशा है कि कोई भी परिवार आवासहीन न रहे, लेकिन गरीबों को मिल रही सुविधा में तंत्र भी चांदी काट रहा है।
हालांक, अधिकारियों की यह बंदरबांट अब भारी पड़ने वाली है, क्योंकि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पहुंची शिकायतों के बाद राज्य नगरीय विकास अभिकरण के निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने बागपत समेत सात जिलों में जांच के लिए टीम गठित कर दी है। निदेशक ने डूडा परियोजना अधिकारी को भेजे पत्र में बागपत और मुजफ्फरनगर के लिए सूडा के जेई एलके दीक्षित समेत तीन अधिकारियों की कमेटी गठित कर 23 से 25 जनवरी तक जांच करने का आदेश दिया है। जिसकी सूचना मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया है और विभागीय कर्मचारी और अधिकारी अपने काम को दुरुस्त करने में जुटे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि अपनी करनी को छुपाने के लिए जांच टीम के सामने विभाग कौन से गुल खिलाएगा।