पीड़ित 70 वर्षीय वृद्ध किसान सुंदर लाल निवासी रुस्तमपुर बावली ने बताया कि सात नवंबर को उन्होंने अपनी पासबुक में एंट्री कराई तो उसमें 25 सितंबर को 35000 रुपये की निकासी दर्शायी गई, जबकि उसने इस अवधि में अपने खाते से लेनदेन ही नहीं किया। इस संबंध में जब शाखा प्रबंधक से शिकायत की तो उन्होंने 25 सितंबर का निकासी फार्म किसान को दिखाया।
आरोप है कि निकासी फार्म पर जाली हस्ताक्षर करके धनराशि निकाली गई है। किसान ने प्रबंधक से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज दिखाने की मांग की ताकि फर्जी हस्ताक्षर करने वाले की पहचान हो सके। आरोप है कि प्रबंधक ने किसानों को फुटेज चेक नहीं कराई और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया।
बुधवार को पीड़ित किसान के साथ बैंक शाखा पर पहुंचे ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। वहीं शाखा प्रबंधक आशीष अग्रवाल का कहना है कि किसान का खाता खोलने के दौरान किए गए साइन और निकासी फार्म पर किए गए साइन मैच कर रहे हैं। इसके अलावा किसी भी प्रकार की जांच कराई जा सकती है।