यह भी पढ़ें- तीन बच्चों व पत्नी का कत्ल करने वाले को पुलिस ने कर्नाटक से किया गिरफ्तार बता दें कि बागपत जेल में 10 जुलाई 2018 में मुन्ना बजरंगी की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब मुन्ना बजरंगी को बागपत कोर्ट में पेश करने के लिए लाया गया था। इससे पहले की मुन्ना बजरंगी को कोर्ट में लाया जाता जेल में बंद बागपत के कुख्यात अपराधी सुनील राठी ने उसको गोलियों से भूनकर उसकी हत्या कर दी। गोली मारकर हत्या करने का आरोप सुनील राठी पर लगा था। वहीं इस हत्याकांड में जेल कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई थी।
यह भी पढ़ें- Video: रामपुर के डीएम ने आजम खान को बोला- थैंक्यू, जानिए क्यों पूरे प्रकरण की जांच गाजियाबाद के जेल अधीक्षक वधी राम द्वारा की जा रही थी। उनकी जांच में जेल वार्डन माधव कुमार और हेड जेल वार्डन वार्डन अजेंद्र कुमार को दोषी पाया गया। जांच के बाद उन्होंने अपनी रिपोर्ट मथुरा जेल में तैनात वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय को सौंप दी थी। अब रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए जेल अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रिय ने वार्डन और हेड वार्डन अजेंद्र कुमार को बर्खास्त कर दिया। पूरे मामले में जेल कर्मियों की लापरवाही सामने आई थी, जिसमें डीआईजी जेल अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
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