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#NagPanchami2019: 100 वर्ष से भी पुराने इस मंदिर में नाग देवता देते हैं दर्शन, भोग लगाकर हो जाते हैं गायब, देखें वीडियो

locationबागपतPublished: Aug 03, 2019 03:43:30 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

खबर की मुख्य बातें-
-नाग पंचमी (Nag Panchami 2019) के दिन नाग मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है
-ऐसा ही एक मंदिर बागपत जनपद के सिसाना गांव के खेड़े पर है (nag panchami 2019 mein kab hai)
-यह एकमात्र मंदिर है, जो बागपत जनपद में स्थित है और इसे नाग मंदिर (Naag Mandir) के नाम से जाना जाता है

naag panchami

#NagPanchami2019: 100 वर्ष से भी पुराने इस मंदिर में नाग देवता देते हैं दर्शन, भोग लगाकर हो जाते हैं गायब, देखें वीडियो

सचिन त्यागी

बागपत। नाग पंचमी (Nag Panchami 2019) का त्यौहार पांच अगस्त को है (nag panchami 2019 mein kab hai)। कहा जाता है जिसके हाथ से नाग देवता (Nag Devta) भोग ग्रहण कर लेते हैं उसका जीवन धन्य हो जाता है। इसलिए नाग पंचमी (Naag Panchami) के दिन नाग मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और लोग दूध लेकर मंदिरों में पहुंचते हैं। ऐसा ही एक मंदिर बागपत जनपद के सिसाना गांव के खेडे पर है। यह एकमात्र मंदिर है, जो बागपत जनपद में स्थित है और इसे नाग मंदिर (Naag Mandir) के नाम से जाना जाता है।
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यहां पर रहने वाले पुजारी बिजेंदर भारद्वाज का कहना है इस मंदिर में नाग देवता (Naag Devata) दर्शन देते हैं और दर्शन भी ऐसे देते हैं कि एक पल में दिखाई देते हैं और दूसरे ही पल गायब भी हो जाते हैं। उन्होंने भी यहां पर कई बार नाग देखे हैं। यहां आने जाने वालों ने भी उनके दर्शन किए हैं। इसलिए इस मंदिर का निर्माण हुआ था। यह नाग देवता हैं और यह लोगों को दर्शन देते हैं। इसलिए उनके नाम से ही मंदिर का निर्माण कराया जाए। भंडारे के दिन भी नाग देवता आ कर भोग ग्रहण करते हैं और तभी भंडारे को सफल माना जाता है। पिछली बार भंडारे पर भी नाग देवता ने दर्शन दिए थे और भोग ग्रहण कर चले गए।
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वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि यहां नाग बहुत निकलते हैं और खत्री लोग यहां भले ही नाग पंचमी के दिन न आते हो, लेकिन स्थानीय लोग यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं। नाग देवता दर्शन देते हैं और अंतर्ध्यान हो जाते हैं। नागदेव दर्शन जरूर देते हैं और उनके बाद ही भंडारे का भोग लगता है। यह बहुत प्राचीन मंदिर है। हम बचपन से ही इस मंदिर के बारे में सुनते आ रहे हैं। 100 साल से भी ज्यादा पुराना यह मंदिर है। यह खत्री लोगों का मंदिर है और वही लोग आकर यहां पर भंडारा करते हैं। इस मंदिर में खीर का भंडारा करते हैं और आरारोट का भंडारा करते हैं। जो बहुत ही स्वादिष्ट बनता है।
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