बागपत सीएमओं ने स्टाफ नर्स की फर्जी नियुक्ति का खुलासा किया था। इस मामले में नर्स के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा भी सीएम की तरफ से दर्ज कराया गया था। एफआईआर होने के बाद में नियुक्ति पाने वाली दोषी स्टाफ नर्सो खुद पुलिस के पास पहुंची और एक महिला पर रिश्वत लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र देने का आरोप लगाया है। साक्षी, वंदना, राखी, रेनू, उर्मिला, मोहिनी भारद्वाज, अर्चना और कविता ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाए है कि उन्होंने जीएनएम का कोर्स करने के बाद नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मांगे गए आवेदनों के आधार पर स्टाफ नर्स की परीक्षा दी थी।
बताया कि जनवरी 2019 में स्टाफ नर्स की परीक्षा दी थी। परीक्षा पास कर वह नियुक्ति की वेटिंग लिस्ट में थीं और अपनी ज्वाईनिंग के लिए इंतजार कर रही थी। उसी दौरान मेडिकल विश्वविद्यालय कैंपस में सर्जरी डिपार्टमेंट में कार्यरत एक महिला उनके संपर्क में आई। उस महिला ने पैसे लेकर नियुक्ति दिलाने की बात कही थी। अक्टूबर माह में सभी को ई-मेल के जरिए नियुक्ति ऑफर लेटर भेजे गए। जिसे उन्होंने रिसीव कर लिया। लेटर लेकर वह तत्कालीन सीएमओ सुषमा चंद्रा के पास गई तो उन्होंने उन्हें नियुक्ति करा दी। स्टाफ नर्सों ने बताया कि उन्हें भनक नहीं थी कि उन्हें दिए गए ऑफर लेटर फर्जी हैं। सभी ने पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग की। इंस्पेक्टर आरके सिंह ने बताया कि यह मामला बागपत से जुड़ा है। महिलाओं को बागपत भेजा गया था।