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सरकार और प्रशासन ने नहीं की मदद तो खुद पैसा जोड़कर घर के लिए रवाना हुए लॉकडाउन में फंसे पॉलिटेक्निक छात्र

locationबागपतPublished: May 13, 2020 03:21:16 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– केंद्र व राज्य सरकार के दावों की हकीकत आई सामने
– मार्च से बड़ौत में फंसे थे करीबी तीन दर्जन पाॅलिटेक्निक छात्र
– छात्रों का आरोप प्रशासनिक अधिकारियों ने भी नहीं की मदद

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बागपत. लॉकडाउन के दौरान फंसे पॉलिटेक्निक के तीन दर्जन छात्रों ने घर भिजवाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद छात्रों ने खुद एक-एक पैसा जोड़कर किराए पर बस की और अपने घरों की ओर निकल पड़े। ये तस्वीरें केंद्र व राज्य सरकार के दावों की हकीकत उजागर कर रही हैं, जो इन छात्रों के लिए ट्रेन व बस या फिर आर्थिक मदद करने का दावा कर रहे हैं। जबकि छात्रों का कहना है कि उन्हें किसी तरह की मदद देने से अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए थे। खाने-पीने के लिए भी पैसे खत्म हो गए थे। कुछ छात्रों ने किराए पर बस करने के लिए घरों से पैसे मंगाए हैं।
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बता दें कि बागपत जिले के बड़ौत स्थित डीजे पॉलिटेक्निक में लखनऊ, गौरखपुर, गौंडा, बस्ती, कानपुर, गाजीपुर आदि जिलों के सैकड़ों छात्र पढ़ते हैं। अधिकतर छात्र काॅलेज के हॉस्टल या नगर में किराए पर रूम लेकर रहते हैं। कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से चल रहे लॉकडाउन में करीब तीन दर्जन छात्र फंसे हुए थे। छात्रों को पहले संभावना थी कि लॉकडाउन जल्द ही खुल जाएगा, लेकिन आए दिन बढ़ रही कोरोना मरीजों की संख्या को देखकर छात्र घबरा गए।
छात्रों का कहना था कि अब उनके खर्च के लिए पैसा भी नहीं था। जैसे -तैसे करके वह काम चला रहे थे। छात्रों ने सरकारी खर्च से घर भिजवाने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के सामने गुहार भी लगाई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद छात्रों ने अपने खर्च से ही घर रवाना होने की ठान ली। करीब तीन दर्जन छात्रों ने आपस में करीब 70 हजार रुपये एकत्र करके एक बस को किराए पर किया, जो उन्हें उनके घर तक छोड़कर आएगी। सभी छात्र जाने से पूर्व तहसील में एकत्र हुए हैं। जहां से उन्हें घर जाने की अनुमति दी गई। इससे पहले उनके स्वास्थ्य की जांच कर प्रमाण पत्र भी जारी किए गए।
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