जिले के एक थाने में तैनात महिला हेड कांस्टेबल ने गत अक्टूबर 2019 में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसका बेटा सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ था। बेटे की हालत ठीक कराने के लिए तीन जुलाई 2018 की शाम को बागपत नगर की मस्जिद में मौलाना के पास पहुंची थी। जिसके बाद मौलाना ने अपने तरीके से झांड-फूंक शुरू कर दी। आरोप है कि मौलाना मोहम्मद जुबैर ने जिन्न उतारने के बहाने उसके साथ दुष्कर्म किया था और उसके बाद ब्लैकमेल करने लगा था। पुलिस ने मौलाना को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था और इसमें आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
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सपा सांसद आजम खान की फिर बढ़ी मुश्किलें, 14 साल पुराने मामले में आरोप तय पीड़िता के अधिवक्ता रामपाल सिंह नेहरा ने बताया यह मामला एडीजे स्पेशल एससी/एसटी एक्ट शैलेंद्र पांडेय की अदालत में विचाराधीन है। मौलाना मोहम्मद जुबैर की बागपत कोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका खारिज हो चुकी थी। अब सुप्रीम कोर्ट से उसकी जमानत याचिका खारिज हो गई है। जमानत याचिका खारिज होने के बाद मौलाना के परिजन काफी मायूस हैं।