दरअसल, रालोद का एक 21 सदस्य शिष्टमंडल कलक्ट्रेट में पहुंचा और प्रदेश सरकार की नीतियों के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दीपावली पर्व को लेकर कर्मचारियों की तो याद आ गयी, लेकिन किसानों की याद नहीं आया। कर्मचारियों के बारे में सोचना प्रदेश सरकार का अच्छा कदम है, लेकिन किसानों के बारे में भी सोचना होगा। किसानों का अभी तक भी बकाया गन्ना भुगतान नहीं हुआ है, जिससे किसानों की दीपावली भी नहीं बन पाएगी। यदि सरकार दीपापवली से पहले भुगतान करा देती तो किसानों में खुशी होती, लेकिन ऐसा सरकार नहीं कर रही है। इससे किसानों के सामने भूखमरी की स्थिति पैदा हो गयी।
उन्होंने बागपत, रमाला व मलकपुर चीनी मिल पर बकाया गन्ना भुगतान कराने, बागपत शुगर चीनी मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने, चालू वर्ष का गन्ना मूल्य 450 रुपये घोषित करने, सरकार को किसानों का खेत में खड़ा गन्ने को खरीदने की गारंटी देने, 14 दिन के अंदर भुगतान कराने, बकाया भुगतान ब्याज सहित देने, नहरों की सफाई व नियमित पानी छोड़ने की व्यवस्था कराने की मांग का ज्ञापन एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा। साथ ही मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।