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दरअसल, यह कोरोना कर्मवीर बागपत के कप्तान प्रताप गोपेन्द्र यादव हैं, जो हाईवे पर भरी दोपहरी में निगरानी करते हैं। यूपी के बॉर्डर पर हरियाणा और पंजाब से आने वाले प्रवासी मजदूरों के लिये वह खड़े रहते हैं, जो पैदल ही अपने घरों को निकल रहे हैं। यूपी की सीमा पर सफेद टोपी पहने बागपत पुलिस कप्तान सुबह शाम इस हाईवे पर उन मजदूरों से रूबरू होने के लिए आते हैं, जो अपने घर पैदल ही निकल रहे हैं। खाकी वर्दी का यह नुमाइंदा इन लोगों के लिए किसी भगवान से कम नहीं है। पैदल चलकर आने वाले मजदूरों को खाना,पानी और उन्हें भेजने का इंतजाम करने के लिए बागपत के पुलिस कप्तान ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी ले रखी है। भरी दुपहरी में भी मजदूरों को देखने इस बॉर्डर पर चले आना उनका आए दिन का रूटीन बन गया है हालांकि यह सब लॉक डाउन के बाद से चल रहा है ताकि कोरोना संक्रमण से बागपत सहित यूपी को भी बचाया जा सके।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल चलता हुआ दिखाई ना दे लेकिन आदेश से पहले अपनी ड्यूटी पर डटे इस कोरोना कर्मवीर बागपत के कप्तान ने अब तक 4000 लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने, उनको खाना खिलाने और उनके रहने की व्यवस्था कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना कर्मवीर जो फ्रंट पर डटे हैं, वह खाकी वर्दी के ही वह नुमाइंदे हैं, जो अपने परिवार से पिछले 2 महीने से नहीं मिले और 24 घंटे की ड्यूटी लगातार दे रहे हैं। बुधवार को भी पुलिस अधीक्षक बागपत द्वारा कोविड 19 के फैले संक्रमण की रोकथाम व लॉकडाऊन के पालन के लिये हरियाणा बार्डर पेरिफेरल हाईवे भ्रमण कर जायजा लिया गया, तथा संबंधित को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।