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4 फरवरी 2019 को गांव बुढ़पुर में सरिता पत्नी बबलू की मौत हो गई थी। मायके वालों ने विवाहिता की दहेज के लिए हत्या किए जाने का आरोप लगाया था और विवाहिता के पति के अलावा उसके ससुर जगवीर सिंह सास राकेश व ननद मोनिका को नामजद कराया था। इस मामले की जांच सीओ रमाला कर रहे हैं। इस मामले में मृतका का पति, ससुर व सास जेल जा चुके हैं, जबकि मोनिका अभी तक बाहर है। शुक्रवार को ग्राम प्रधान के नेतृत्व में बुढ़पुर के ग्रमीण व मुकदमे के गवाह एसपी से मिले और इस मामले में मोनिका की नामजदगी का फर्जी बताया।
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इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि घटना वाले दिन मोनिका वहां मौजूद नहीं थी। ग्रामीणों के अनुसार मृतका का अपने पति से विवाद चल रहा था और वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहता था, जबकि मोनिका अपने मां-बाप के साथ अलग मकान में रहती है। उनकी मृतका व उसके पति के साथ बोलचाल तक नही थी। ग्रामीणों ने कहा कि मोनिका को द्वेष भावना के तहत फंसाया जा रहा है। प्रधान और दूसरे गंवाहों ने इस संबंध में एसपी को शपथ पत्र देते हुए इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर नाबालिग का मुकदमे से जांच निकलवाने की मांग की। एसपी ने इस प्रकरण की जांच एएसपी का सौंप दी है । इस अवसर पर प्रधान विकास चैधरी, राजवीर सिंह, सुकर्मपाल पवन फौजी, डा. मिंटू, अंग्रेजपाल, अमरीता, बाला, केला, स्वाति पदम कुमार , विनोद व अनुज कुमार आदि मौजूद थे।