scriptकोरोना वायरस: फिलीपींस में फंसे चौमूं सहित जिले के एक दर्जन छात्र | A dozen students of Chaumu trapped in Philippines | Patrika News
बगरू

कोरोना वायरस: फिलीपींस में फंसे चौमूं सहित जिले के एक दर्जन छात्र

– राजस्थान के 600 छात्र-छात्राएं कर रहे हैं पढ़ाई- भारत ने फिलीपींस से आने वाले का प्रवेश किया निषेध

बगरूMar 18, 2020 / 11:43 pm

Ramakant dadhich

कोरोना वायरस: फिलीपींस में फंसे चौमूं सहित जिले के एक दर्जन छात्र

कोरोना वायरस: फिलीपींस में फंसे चौमूं सहित जिले के एक दर्जन छात्र

जयपुर. दुनियाभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के उपायों की कड़ी में भारत सरकार ने फिलीपींस से भारत आने वालों पर रोक लगा दी। वहीं फिलीपींस सरकार द्वारा भारतीय छात्र-छात्राओं को 72 घंटे में देश छोडऩे की मोहलत के बाद अब रुकने की इजाजत दे दी है, लेकिन हजारों किलोमीटर घर से दूर भारत के करीब 4 हजार और राजस्थान के करीब 6 सौ छात्र-छात्राएं अपने वतन लौटने को लालायित हैं। इनमें चौमूं समेत जयपुर जिले के दर्जनभर छात्र-छात्राएं शामिल हैं। फिलीपींस में फंसे चौमूं के मेडिकल छात्रों ने बुधवार को पत्रिका से बात कर अपनी पीड़ा जाहिर की है। मनीला (फिलीपींस) स्थित प्रिपेंचुअल हेल्थ यूनिवर्सिटी लास पिनास में तीन साल से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे जयपुर जिले के चौमूं उपखंड के नांगल गोविन्द निवासी राजेश कुमार गढ़वाल एवं विकास रोज निवासी किशनमानपुरा ने मोबाइल के माध्यम से हुई बातचीत में बताया कि फिलीपींस में भारत के करीब ४ हजार छात्र-छात्राएं हैं जो मेडिकल समेत अन्य पाठ्यक्रम की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें राजस्थान के करीब छह सौ विद्यार्थी शामिल हैं। वह और करीब दर्जनभर छात्र जयपुर जिले के हैं, जो मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए एक तरफ भारत सरकार द्वारा सीमाबंद करने के फरमान से अब फिलीपींस से भारत लौटने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्र-छात्राएं वहां रुकने के लिए विवश हो गए हैं।
टिकट भी बनवा लिया था, लेकिन अब क्या करें
मेडिकल के विद्यार्थियों ने बताया कि फिलीपींस में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हो चुके हैं। फिलीपींस सरकार ने पूर्व में ७२ घंटे में देश छोडऩे के आदेश जारी किए थे। इसे लेकर कई भारतीय छात्र-छात्राओं ने भारत आने के लिए टिकट करवा लिए थे, लेकिन इसी दौरान भारत सरकार ने सीमा बंद करने के आदेश जारी कर दिए, जिसके चलते फिलीपींस से भारत आना मुश्किल है, जिसके चलते टिकट रद्द करवाने पड़े। कुछ छात्र-छात्राओं का गु्रप मंगलवार देर शाम फिलीपींस से हवाई जहाज में बैठकर भारत के लिए रवाना हो गए थे, लेकिन उनको मलेशिया में रोक दिया गया। हालांकि फिलीपींस सरकार ने ७२ घंटे (१९ मार्च तक) की बाध्यता खत्म करते हुए भारतीयों के लिए शिथिलता बरतते हुए छूट दी है कि यदि भारत सरकार भारतीय छात्र-छात्राओं को अपने देश बुलाने की अनुमति देती है तो उसे कोई परेशानी नहीं है। वहां की सरकार ने अब यह भी छूट दे दी है कि चाहें तो वे फिलीपींस में भी रुक सकते हैं।
भारत सरकार से मदद की गुहार
छात्र राजेश कुमार गढ़वाल, विकास रोज, दयाल, रजत, पृथ्वी सैनी ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वे भारतीय छात्रों की पीड़ा को समझ़े और यहां से सही सलामत भारत लाने की व्यवस्था करे। जिससे चिंताजनक हालात से निकला जा सके।
कोई संक्रमित हुआ तो कौन संभालेगा
छात्र राजेश ने बताया कि फिलीपींस में रहने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन यदि कोई छात्र इसका रोगी हो जाता है तो उसका यहां रहना बड़ा मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि यहां इसका इलाज बहुत महंगा है। इसके अलावा वह भारत भी नहीं जा पाएगा। ये फिर अनुमति भी नहीं देंगे। फिलीपींस में अब तक १४ लोगों की मौत इस वायरस से हो चुकी है और सात लोग यहां ठीक हुए हैं। पहले ये स्थानीय देशवासी का इलाज करेंगे। बाद में भारतीय का। भारत सेफ है। वहां इलाज भी बेहतर हो रहा है। सब बच्चे भारत ही लौटना चाहते हैं।
भारतीय कैंटीन हो चुकी बंद
छात्रों ने बताया कि यहां जितनी भी भारतीय कैंटीन थी। वे सभी लगभग बंद हो चुकी हैं। चूंकि अधिकतर बच्चों को खाना बनाना नहीं आता है। वे इन कैंटीन्स पर ही निर्भर थे। बाहर भारतीय खाना मिलता भी नहीं है। फिलीपींस खाना भी कफ्र्यू टाइम के बाद लाना पड़ता है। इसमें भी काफी रिस्क है। बच्चे क्या खाएंगे। इसे लेकर भी डर रहे हैं। जिन बच्चों ने भारत जाने के लिए टिकट बुक करवा ली थी। वे तो खाने का स्टॉक भी खत्म हो चुके हैं।

Hindi News / Bagru / कोरोना वायरस: फिलीपींस में फंसे चौमूं सहित जिले के एक दर्जन छात्र

ट्रेंडिंग वीडियो