scriptआखिर रावण के पुतले का करें क्या? | After all what should be done with the effigy of Ravana? | Patrika News

आखिर रावण के पुतले का करें क्या?

locationबगरूPublished: Oct 13, 2019 06:04:52 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

80 फीट ऊंचाई के रावण के पुतला दहन करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद पुतले का क्या किया जाए। इसे लेकर आयोजन समिति इस कदर असमंजस में है

आखिर रावण के पुतले का करें क्या?

आखिर रावण के पुतले का करें क्या?

चौमूं. हिन्दू धर्म उत्सव संघ हाड़ौता द्वारा जनसहयोग से तैयार किए गए 80 फीट ऊंचाई के रावण के पुतला दहन करने की अनुमति नहीं मिलने के बाद पुतले का क्या किया जाए। इसे लेकर आयोजन समिति इस कदर असमंजस में है कि आखिर पुतले का करें क्या? संघ की मानें तो पुतला निर्माण गणेश चतुर्थी से शुरू किया था। इसे बनाने में करीब एक से डेढ़ महीना लगा। साथ ही नगरपालिका क्षेत्र में हनुमान मार्ग स्थित खेल स्टेडियम में विजयी दशमी 8 अक्टूबर के बजाय 10 अक्टूबर को दहन करने की अनुमति पुलिस प्रशासन से मांगी गई, लेकिन इसकी लिखित स्वीकृति नहीं दी गई। इसे लेकर संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों समेत हाड़ौता के ग्रामीणों में निराशा रही। इसके बाद चौमूं पुलिस थाने की ओर से हिन्दू धर्म उत्सव संघ हाड़ौता के अध्यक्ष कपिल स्वामी को 11 अक्टूबर को सशर्त स्वीकृति दी कि वे 11 अक्टूबर को खेल स्टेडियम परिसर में कला प्रदर्शन के लिए रावण के पुतले की प्रदर्शनी कर सकते हैं, लेकिन दहन नहीं। इसका कारण बताया गया कि चूंकि देशभर में विजय दशमी पर रावण के पुतलों का दहन किया जा चुका है।
ऐसे में 10 अक्टूबर को दहन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। हिन्दू धर्म उत्सव संघ की ओर से पुतले का प्रदर्शन भी 11 अक्टूबर को लोगों के सामने किया जा चुका है। इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े भी। लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते दहन नहीं किया जा सका।

पखवाड़ा पूर्व मांगी थी अनुमति
हिन्दू धर्म उत्सव संघ हाड़ौता के अध्यक्ष कपिल स्वामी का कहना है कि प्रशासन से 25 सितम्बर को ही अनुमति मांग ली थी, लेकिन 9 अक्टूबर तक अनुमति नहीं दी। बल्कि प्रशासन ने बुलाकर पुतला दहन करने से मना कर दिया। ऐनवक्त पर अनुमति से इनकार करने पर समिति को आर्थिक नुकसान भी हुआ। संघ के कोषाध्यक्ष राजेन्द्र जांगिड़ का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने 11 अक्टूबर को पुतले के दहन नहीं बल्कि प्रदर्शन की अनुमति दी थी, जिसके तहत प्रदर्शन कर दिया गया है, लेकिन पुतले का क्या करें। यह समस्या उनके सामने खड़ी हो गई है। एक बार फिर पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर पुतले का किया जाए। इसे लेकर मार्गदर्शन मांगेंगे।

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