सांभर में आई थी महामारी, छूने से होती थी
सांभरलेक. दुनिया भर में फैल रही कोरोना महामारी को लेकर सांभर के 90 वर्षीय बुजुर्ग लक्ष्मीनारायण जोशी ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब वे दस साल के थे तो सांभर में महामारी फैली थी। उस समय यह बीमारी छूने से फैल रही थी तो लोग एक दूसरे से पास आने में गुरेज करने लगे थे। उस समय कस्बे में काफी लोगों की मौत भी हुई थी। मौत के बाद शवों को उठाने के लिए कोई तैयार नहीं होता था। लोगों का डर था कि मृतक को छूने के साथ ही उनको भी बीमारी हो जाएगी। लेकिन एक व्यक्ति था जो कि उस समय करीब 80 साल पूर्व पांच रुपए लेकर शव शमशान तक पहुंचाने की व्यवस्था करता था। जोशी से जब ये पूछा कि उस समय उस महामारी से लडऩे की क्या व्यवस्था थी। उन्होंने बताया कि इतनी दवाएं तो हुआ नहीं करती थी। माता-पिता व परिजन नीम के पत्तों को पानी में उबाल कर स्नान कराते थे। एक-दूसरे से दूर रखा जाता था। कई लोग इसका शिकार भी हुए। उन्होंने बताया 90 साल की जिंदगी में कोरोना जैसी बीमारी नहीं देखी। अब लोग खुद का बचाव कर एक दूसरे की जिंदगी बचा सकते हैं।