गेट पास जरूरी
सूत्रों की मानें तो चूंकि समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र अनाज मंडी परिसर में है। कोई भी किसान गिरदावरी के आधार पर रजिस्टे्रशन करवा ले और हकीकत में उसके यहां गिरदावरी के आधार पर फसल का उत्पादन नहीं हुआ हो या उत्पादन ही नहीं किया हो और वह मिलीभगत करके मंडी में से ही माल खरीदकर मंडी स्थित खरीद केन्द्र पर नहीं बेच दे। इसके लिए मंडी प्रशासन ने गेट पास अनिवार्य किया हुआ है। इसके बिना कोई किसान माल लेकर आएगा तो खरीद केन्द्र पर उसके माल की खरीद नहीं होगी।
सूत्रों की मानें तो चूंकि समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र अनाज मंडी परिसर में है। कोई भी किसान गिरदावरी के आधार पर रजिस्टे्रशन करवा ले और हकीकत में उसके यहां गिरदावरी के आधार पर फसल का उत्पादन नहीं हुआ हो या उत्पादन ही नहीं किया हो और वह मिलीभगत करके मंडी में से ही माल खरीदकर मंडी स्थित खरीद केन्द्र पर नहीं बेच दे। इसके लिए मंडी प्रशासन ने गेट पास अनिवार्य किया हुआ है। इसके बिना कोई किसान माल लेकर आएगा तो खरीद केन्द्र पर उसके माल की खरीद नहीं होगी।
माल खरीदकर मांगा गेट पास
सूत्रों की मानें तो निंदौला क्षेत्र के एक किसान का माल समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर बिना गेट के पास ही खरीद लिया गया। खास बात ये है कि माल खरीदने के बाद केन्द्र प्रभारी ने 28 नवम्बर को मंडी सचिव से संबंधित किसान का गेट पास बनवाने का लिखित में आग्रह किया तो मंडी के दोनों गेटों पर लगाए गए सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, लेकिन किसान, माल लाते हुए मंडी परिसर में प्रवेश करते नजर नहीं आया। गेट पास बनाने वाले कार्मिकों ने भी अनभिज्ञता जताई। बाद में मंडी प्रशासन ने गेट पास बनाने से मना करते हुए समर्थन मूल्य पर खरीदे गए माल को नहीं खरीदने को कहा।
सूत्रों की मानें तो निंदौला क्षेत्र के एक किसान का माल समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर बिना गेट के पास ही खरीद लिया गया। खास बात ये है कि माल खरीदने के बाद केन्द्र प्रभारी ने 28 नवम्बर को मंडी सचिव से संबंधित किसान का गेट पास बनवाने का लिखित में आग्रह किया तो मंडी के दोनों गेटों पर लगाए गए सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, लेकिन किसान, माल लाते हुए मंडी परिसर में प्रवेश करते नजर नहीं आया। गेट पास बनाने वाले कार्मिकों ने भी अनभिज्ञता जताई। बाद में मंडी प्रशासन ने गेट पास बनाने से मना करते हुए समर्थन मूल्य पर खरीदे गए माल को नहीं खरीदने को कहा।
बिल निरस्त करवाने को लिखा
मामला बढ़ ना जाए और खरीद केन्द्र के जिम्मेदारों की अनियमितता पकड़ी ना जाए इसके लिए क्रय-विक्रय सहकारी समिति चौमूं के मुख्य व्यवस्थापक सुरेन्द्र कुमार यादव ने २९ नवम्बर को राजफैड प्रबंधक को जरिए पत्र अवगत करवाया कि २८ नवम्बर को निंदौला क्षेत्र के एक किसान की २० क्विण्टल मूंगफली की खरीद राशि एक लाख अठारह सौ रुपए का बिल किसी कारण से गलत बन गया। इस विक्रय पर्ची को शीघ्र निरस्त कर दी जाए।
मामला बढ़ ना जाए और खरीद केन्द्र के जिम्मेदारों की अनियमितता पकड़ी ना जाए इसके लिए क्रय-विक्रय सहकारी समिति चौमूं के मुख्य व्यवस्थापक सुरेन्द्र कुमार यादव ने २९ नवम्बर को राजफैड प्रबंधक को जरिए पत्र अवगत करवाया कि २८ नवम्बर को निंदौला क्षेत्र के एक किसान की २० क्विण्टल मूंगफली की खरीद राशि एक लाख अठारह सौ रुपए का बिल किसी कारण से गलत बन गया। इस विक्रय पर्ची को शीघ्र निरस्त कर दी जाए।
कोई खास बात नहीं है
पत्रिका ने इस बारे में खरीद केन्द्र प्रभारी अर्जुन मान से इस बारे में जानकारी चाही तो प्रभारी ने बताया कि किसी कारण से किसान गेट पास नहीं बनवा पाया था। साथ ही माल खरीदने पर उसका बिल भी किसी कारण से गलत बन गया था। निरस्त करने के लिए राजफैड को लिख दिया है। यही बात क्रय विक्रय सहकारी समिति के मुख्य व्यवस्थापक ने बताई है। इधर, मंडी प्रशासन का कहना है कि खरीद केन्द्र प्रबंधन को बिना गेट पास माल नहीं खरीदने के निर्देश दिए हैं। ताकि कोई अनियमितता नहीं हो सके।
पत्रिका ने इस बारे में खरीद केन्द्र प्रभारी अर्जुन मान से इस बारे में जानकारी चाही तो प्रभारी ने बताया कि किसी कारण से किसान गेट पास नहीं बनवा पाया था। साथ ही माल खरीदने पर उसका बिल भी किसी कारण से गलत बन गया था। निरस्त करने के लिए राजफैड को लिख दिया है। यही बात क्रय विक्रय सहकारी समिति के मुख्य व्यवस्थापक ने बताई है। इधर, मंडी प्रशासन का कहना है कि खरीद केन्द्र प्रबंधन को बिना गेट पास माल नहीं खरीदने के निर्देश दिए हैं। ताकि कोई अनियमितता नहीं हो सके।
किसान का क्या होगा?
चूंकि खरीद केन्द्र पर किसान का माल खरीदा जा चुका है और क्रय विक्रय सहकारी समिति उसके बिल को निरस्त करने के लिए राजफैड को पत्र लिख चुका है। ऐसे में उसके माल व राशि का क्या होगा। इस बारे में जिम्मेदार संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
चूंकि खरीद केन्द्र पर किसान का माल खरीदा जा चुका है और क्रय विक्रय सहकारी समिति उसके बिल को निरस्त करने के लिए राजफैड को पत्र लिख चुका है। ऐसे में उसके माल व राशि का क्या होगा। इस बारे में जिम्मेदार संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं।