इधर चंद कदम दूर से निकला बघेरा
जैतपुर खींची. आमेर उपखंड क्षेत्र के ग्राम जैतपुर खींची में उत्तराखण्ड व मुम्बई से लौटे दो प्रवासी मजदूरों का जीवन झोपड़ी में सिमटा हुआ है। करीब 8-10 दिन से दोनों मजदूर अपने खेत के पास बनी झोपड़ी में क्वारंटीन है। पास में ही जंगलात क्षेत्र है। ऐसे में मजदूरों को रात में वन्य जीवों का भय सता रहा है। वहीं दिन में तेज गर्मी ने परेशान कर रखा है। बीती रात को वन्य जीव खाना भी खा गए। झोपड़ी में ठहर रहे मजदूरों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि रात को एक बघेरा भी चंद कदमों दूर से गुजरता नजर आया। इससे वे भयभीत हो गए। साथ ही बीती रात को वन्य जीव उनका खाना भी खा गए। जानकारी के अनुसार ग्राम जैतपुर खींची निवासी अशोक कुमार प्रजापत मुम्बई व रामावतार प्रजापत उतराखंड से करीब 8-10 दिन पहले अपने घर लौटे थे। प्रशासन ने दोनों को होम क्वारंटीन कर दिया था। घर पर अलग से जगह नहीं होने की वजह से दोनों ने अपने-अपने खेत में बनी झोपड़ी में ही ठहरना उचित समझा। जहां दोनों मजदूर ठहरे हुए है, उन खेतों के पास एक तरफ वन क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि रात को वन्य जीवों का डर रहता है। वहीं दिन में तेज गर्मी के कारण परेशान है। ठहरने के लिए प्रशासन ने कोई उचित व्यवस्था नहीं की है। बीती रात को वन्य जीव झोपड़ी में घुसकर खाना तक खा गए। वहीं रात को एक बघेरा भी पास से गुजरता नजर आया। इससे दोनों भयभीत हो गए। बाद में उन्होंने परिजनों को अवगत कराया और टार्च से रोशनी वन्य जीव को भगाया।