जानकारी के मुताबिक मंडालिया जोगा निवासी मानसिंह दोपहर करीब 3 बजे जब दर्शन करने पहुंचे तो प्रतिमा गायब मिली। घटना की सूचना मिलते ही किले में भीड़ एकत्र हो गई। थानाधिकारी भंवर लाल वैष्णव घटनास्थल पर पहुंचे और जानकारी ली। बाद में पुलिस उपाधीक्षक देवेन्द्र सिंह भी पहुंचे। थानाधिकारी ने डॉग स्क्वायड टीम बुलाकर आरोपियों की तलाश करने की बात कही। बदमाश प्रतिमा का तीन चौथाई हिस्सा तोड़कर ले गए।
एक माह बाद फिर घटना
गौरतलब है कि बदमाशों ने 8 सितम्बर को बुर्ज पर बने इंद्रेश्वर शिवालय में मां पार्वती की प्रतिमा को खंडित कर दिया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी। लेकिन किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले ही दूसरी वारदात हो जाने से कस्बेवासी आक्रोशित हो उठे। कस्बेवासियों का कहना था कि यदि पांच दिन में वारदात का खुलासा नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।
रविवार (sunday) का ही दिन क्यों
किले में उपस्थित कस्बेवासियों में चर्चा थी कि समाज कंटक वारदात के लिए रविवार का ही दिन क्यों चुनते हैं। पूर्व में 8 सितम्बर को हुई घटना के दिन भी रविवार ही था। ज्ञात रहे कि एक माह पहले हुई वारदात के बाद भी तहसील प्रशासन ने किले में प्रवेश के मुख्य द्वार को बंद करने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दिन-रात द्वार खुला रहने से यहां समाजकंटकों का जमावड़ा रहता है। यदि प्रथम दरवाजे के दरवाजे बंद होते तो शायद वारदात की पुनरावृति नहीं होती।