110 फैक्ट्रियां है बंद
सूत्रों के अनुसार जैतपुरा रीको औद्योगिक क्षेत्र में करीब 200 इकाइयां स्थापित हैं। इनमें से वर्तमान में करीब 125 यूनिट ही चल रही थीं, जबकि अन्य इकाइयां विभिन्न कारणों के चलते बंद पड़ी थी। अब लॉकडाउन के बाद 125 में से 110 इकाई भी बंद हो गईं। वहीं इन इकाइयों में काम करने वाले करीब ढाई हजार लोग बेरोजगार हो गए। साथ ही करीब 500 अन्य श्रमिक भी बेरोजगार हो गए।
सूत्रों के अनुसार जैतपुरा रीको औद्योगिक क्षेत्र में करीब 200 इकाइयां स्थापित हैं। इनमें से वर्तमान में करीब 125 यूनिट ही चल रही थीं, जबकि अन्य इकाइयां विभिन्न कारणों के चलते बंद पड़ी थी। अब लॉकडाउन के बाद 125 में से 110 इकाई भी बंद हो गईं। वहीं इन इकाइयों में काम करने वाले करीब ढाई हजार लोग बेरोजगार हो गए। साथ ही करीब 500 अन्य श्रमिक भी बेरोजगार हो गए।
विद्युत उपकरणों का निर्माण
जानकारों की मानें तो यहां संचालित अधिकतर इकाइयों में ट्रांसफ ार्मर के उपकरण बनाए जाते हैं। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में खाद्य तेल व पशु आहार का भी उत्पादन किया जाता है। यहां से बाहर जाने वाला माल भी बंद हो गया है। इन इकाइयों से जुड़े लोगों की मानें तो इन इकाइयों के बंद होने से लगभग 25 करोड़ रुपए का व्यापार प्रतिदिन प्रभावित हो रहा है।
जानकारों की मानें तो यहां संचालित अधिकतर इकाइयों में ट्रांसफ ार्मर के उपकरण बनाए जाते हैं। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में खाद्य तेल व पशु आहार का भी उत्पादन किया जाता है। यहां से बाहर जाने वाला माल भी बंद हो गया है। इन इकाइयों से जुड़े लोगों की मानें तो इन इकाइयों के बंद होने से लगभग 25 करोड़ रुपए का व्यापार प्रतिदिन प्रभावित हो रहा है।
हार्डवेयर व दिहाड़ी मजदूर भी ठाले
लॉक डाउन से बंद इकाइयों के श्रमिकों के अलावा दिहाड़ी मजदूर व प्रतिदिन की दुकानदारी करने वाले व्यापारी भी काफी हद तक प्रभावित हो गए। इनमें खासकर यहां पर हार्डवेयर की दुकान करने वाले, चाय की दुकान करने वाले, ढाबा-होटल वाले समेत गाडिय़ों में माल ले जाने वाले लोग समेत इनसे जुड़े लोग सीधे तौर पर बेरोजगार हो गए।
लॉक डाउन से बंद इकाइयों के श्रमिकों के अलावा दिहाड़ी मजदूर व प्रतिदिन की दुकानदारी करने वाले व्यापारी भी काफी हद तक प्रभावित हो गए। इनमें खासकर यहां पर हार्डवेयर की दुकान करने वाले, चाय की दुकान करने वाले, ढाबा-होटल वाले समेत गाडिय़ों में माल ले जाने वाले लोग समेत इनसे जुड़े लोग सीधे तौर पर बेरोजगार हो गए।
उद्योगपतियों की उड़ी नींद
औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित कई उद्योगों के मालिक चिंतित भी हैं। लॉक डाउन होने के बाद उनके यहां काम करने वाले श्रमिक फिलहाल यहां से चले गए। दोबारा उद्योग चालू करने पर उन्हें श्रमिक मिलेंगे या नहीं। वहीं इकाइयों के लिए बैंकों से ऋण लिया हुआ है। इसे भविष्य में जमा करवाने की भी चिंता सता रही है।
औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित कई उद्योगों के मालिक चिंतित भी हैं। लॉक डाउन होने के बाद उनके यहां काम करने वाले श्रमिक फिलहाल यहां से चले गए। दोबारा उद्योग चालू करने पर उन्हें श्रमिक मिलेंगे या नहीं। वहीं इकाइयों के लिए बैंकों से ऋण लिया हुआ है। इसे भविष्य में जमा करवाने की भी चिंता सता रही है।
इनका कहना है…
– कोरोना महामारी की वजह से लॉक डाउन से औद्योगिक क्षेत्र में कार्य बिल्कुल ठप हो गया है। उद्योगों में लगभग २५ करोड़ रुपए प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है। हंसराज अग्रवाल, अध्यक्ष
जैतपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, जैतपुरा
– कोरोना महामारी की वजह से लॉक डाउन से औद्योगिक क्षेत्र में कार्य बिल्कुल ठप हो गया है। उद्योगों में लगभग २५ करोड़ रुपए प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है। हंसराज अग्रवाल, अध्यक्ष
जैतपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, जैतपुरा