scriptयहां दशहरे के तीन दिन बाद होता है दशानन के दंभ का अंत | Dushanan's snout ends three days after Dussehra | Patrika News

यहां दशहरे के तीन दिन बाद होता है दशानन के दंभ का अंत

locationबगरूPublished: Oct 11, 2019 08:06:59 pm

Submitted by:

Narottam Sharma

Dussehra News :- जयपुर जिले के कुछ ग्रामीण इलाकों में दशहरा के बाद रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इनमें प्रमुख रूप से करणरसर, रेनवाल आदि हैं। इन कस्बों में दशहरा पर मुखौटे पहनकर कलाकार लीलाओं का मंचन भी करते हैं।

Dushanan's snout ends three days after Dussehra

रेनवाल में रावण के पुतले का हो रहा दहन।

करणसर. कस्बे में शुक्रवार को दशहरा (Dussehra) मेले का आयोजन हुआ। जिसमें हजारों की संख्या में लोग उमड़े। दशहरा मेला समिति अध्यक्ष गिरिराज जोशी ने बताया कि रघुनाथ मंदिर में दीप प्रज्वलित कर मेले का शुभारम्भ किया गया। भगवान श्रीराम की शाही लवाजमे के बीच शोभायात्रा निकली जो दशहरा मेला मैदान पहुंची। दूसरी ओर रावण की सेना उत्पात मचाती हुई दशहरा मैदान पहुंची। मैदान में लक्ष्मण मूर्छा, हनुमानजी द्वारा संजीवनी लाने, रामवनवास, सीताहरण, लंका दहन, राम-रावण की सेनाओं के बीच युद्ध का मंचन किया गया। भगवान श्रीराम की पालकी की आरती उतारी गई। इसके बाद 31 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया।
मेले में खरीदारी का उठाया लुत्फ
मेले के दौरान लगी स्टॉल्स पर महिलाओं ने खरीदारी की वहीं बच्चों ने झूलों-चकरी का लुत्फ उठाया। लोगों में मेले को लेकर खासा उत्साह था।

ये रहे मौजूद
इस अवसर पर डॉ.रमेश यादव, सरपंच ममता गुप्ता, पुरुषोत्तम गुप्ता, सरपंच नवलकिशोर कुमावत, भंवरलाल ओला, रामकिशोर जोशी, व्यापार मंडल अध्यक्ष महेश कुमार शर्मा, रमेशचंद वैद्य, प्रहलाद राय तोतला, गोपाल लाल तोतला, मूलचंद खींची, नंदाराम यादव, शंकरलाल कमठान, कल्याणमल ओला सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

यहां भी भरा दशहरा मेला
रेनवाल. कस्बे के निकट मिण्डी गांव स्थित मंशापूर्ण महादेव मन्दिर के पास दशहरे मेले का आयोजन किया गया। पुजारी जगदीशदास महाराज ने बताया कि रावण दहन से पहले राम लीला का मंचन किया, इसके बाद लक्ष्मण मेघनाद का युद्ध हुआ। इसके बाद राम व रावण के बीच युद्ध का मंचन हुआ। इस दौरान 30 फीट के रावण के पुतले का दहन किया गया।
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