फीडर इंचार्ज को चोरी नहीं होने का करना होगा सत्यापन
चोरी होने पर दोबारा लगने एवं ट्रांसफॉर्मर लगाने पर चोरी की वारदात को रोकने के लिए लाइनमैन एवं फीडर इंचार्ज भी जिम्मेदार होगा। निगम के अधिकारियों ने बताया कि फीडर इंचार्ज को ट्रांसफॉर्मर चोरी नहीं होगा, इसका सत्यापन करके कार्यालय मेें सूचना देनी होगी। इसके बाद यदि ट्रांसफॉर्मर चोरी होता है तो फीडर इंचार्ज भी जिम्मेदार होगा।
प्रदेश मेें 100 करोड़ से अधिक का नुकसान
आरटीआई कार्यकर्ता खेजरोली निवासी शंकरसिंह शेखावत ने निगम के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि पदस्थापित तकनीकी अधिकारी कनिष्ठ अभिंयता एवं चीफ इंजिनियर चाहें तो चोर ट्रांसफॉर्मर से कॉपर एवं आयल निकालना तो दूर की बात ढांचे से ट्रांसफॉर्मर को नीचे भी नहीं उतारा जा सकता। साथ ही बताया कि अकेले जयपुर जिले के 29 सहायक अभियंता कार्यालयों मेें ही चोरों ने साढ़े १५ करोड़ का नुकसान पहुंचाया है तो पूरे प्रदेश का आंकड़ा सौ करोड़ से अधिक हो सकता है।
आधुनिक तकनीकी का हो उपयोग
शेखावत ने बताया कि ट्रांसफॉर्मर की बनावट में आधुनिक तकनीक का उपयोग होने के साथ ही लगने वाले नट बोल्ट बाजार मेें मिलने वाले नट बोल्ट से अलग हों। ढांचे सहित ट्रांसफॉर्मर में ओवरसाइज एवं अंडरसाइज के बोल्ट उपयोग होने के साथ ही एलंकी बोल्ट का उपयोग हो तो चोर उसे आसानी से खोल नहीं सकते हैं।
परीक्षण के बाद हो भुगतान
जानकारों की मानें तो ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए निगम अधिकारी ठेकेदार को भेज देते हैं। ठेकेदार तकनीकी नियम अनुसार ट्रांसफॉर्मर लगा रहा है या नहीं, इसकी जांच नहीं होती है। कई स्थानों पर ये नीचे रखे होने के साथ ढांचे पर तारों के सहारे रुके रहते हैं। ऐसे चोरों को आसानी हो जाती है। ऐसे में यदि संबंधित फीडर इंचार्ज एवं कनिष्ठ अभियंता ठेकेदार द्वारा लगाए जाने वाले ट्रांसफॉर्मर की जांच कर तय करें कि काम नियमानुसार हुआ है, उसके बाद ही भुगतान किया जाए।
चोरियां रोकने के लिए ट्रांसफॉर्मरों में कॉपर की जगह एल्यूमीनियम का उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में इसी के ट्रांसफॉर्मर खरीदे जा रहे हैं। पूर्व में कॉपर के रखे ट्रांसफॉर्मर भी बदले जा रहे हैं। ट्रांसफॉर्मर चोरी नहीं हो इसके लिए संबधित फीडर इंचार्ज से सत्यापन करवाकर सूचना ली जा रही है।
ताराचंद सिंघल, एक्सईन विद्युत निगम चौमूं