बदलते समय के साथ-साथ लोग अब विद्युत चोरी के भी आधुनिक तरीके अपनाने लग गए हैं। कई स्थानों पर रिमोर्ट से तो कई स्थानों पर इलेक्ट्रिक कंट्रोल डिवाइस के जरिए विद्युत चोरी (Electrical theft through electric control device) के मामले सामने आते रहते हैं। इसका ताजा उदाहरण हाल ही में करौली (Karoli) जिले के हिण्डौनसिटी (Hindone city) में देखने को मिला था। वहां कुछ मामले एेसे सामने आए थे जहां लोग इलेक्ट्रिक कंट्रोल डिवाइस से बिजली चोरी कर रहे थे।
– विद्युत निगम को इसके लिए अलग से सेल बनानी चाहिए।
– सेल से जुड़े लोग प्रत्येक उपभोक्ता के माहवार विद्युत उपभोग की जानकारी रखें।
– माहवार विद्युत खर्च कम ज्यादा होने पर भौतिक सत्यापन होना चाहिए।
– डिफाल्टर उपभोक्ताओं (Default consumer) की अलग से सूची बनाई जाए।
– नियमित रूप से मॉनिटरिंग होनी चाहिए।
– संदिग्ध मीटरों की विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए।
– आधुनिक संसाधनों का उपयोग होना चाहिए।
– इसके लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा सकती है।