थानाधिकारी फू लचन्द शर्मा ने बताया कि कस्बे के वार्ड संख्या-11 निवासी मुकेश खटीक का 9 वर्षीय पुत्र लेखराज सुबह खेलने के लिए गया था। दोपहर तक वापस नहीं लौटने पर उसकी तलाश शुरू की गई। इसी बीच वह घर वापस लौट आया। परिजनों ने देर से आने पर उसको थप्पड़ मार दिया। फिर उसने पिटाई से बचने के लिए एक दिन पहले मां से सुनी अपहरण की कहानी सुनाना शुरू कर दिया।
बच्चे ने यह सुनाई कहानी (kidnapping story)
बच्चे ने परिजनों को बताया कि उसे काले कपड़े पहने कुछ लोग एक वैन में डाल कर ले गए। थोड़ी दूर चलने पर उन्होंने एक और बच्चे को उठा लिया। इसी दौरान वह उसको पकड़े आदमी के हाथ पर काट कर भाग आया। बच्चे की कहानी सुन परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। खबर फैली तो लोग भी सकते में आ गए। थानाधिकारी फू लचन्द शर्मा ने तुरंत बच्चे को गाड़ी (police jeep) में बैठाया व उसके बताए रास्ते पर रवाना हो गए। पुलिस ने जयपुर, महलां व फु लेरा रोड पर अपहरणकर्ताओं को ढूंढने के लिए गाडिय़ां दौड़ा दी। इसी दौरान सांभर वृत्ताधिकारी नविता खोखर भी थाने में पहुंच गई।
यूं आई सच्चाई सामने
थानाधिकारी बच्चे को लेकर उसके बताए रास्तों पर चलते रहे। साथ ही चारों दिशाओं में अलग-जगह लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए। लेकिन कुछ भी संदिग्ध नजर नहीं आया। आखिर सभी स्थानों पर तलाशने व कैमरों में कुछ नहीं मिलने पर पुलिस को शक हुआ। पुलिस उसे उसके स्कूल लेकर पहुंची और अध्यापक ने करीब आधे घंटे तक विश्वास में लेकर उससे पूछा तो बताया कि पिटाई से बचने के लिए उसने मां से सुनी कहानी पुलिस को बताई है। सच्चाई पता लगने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली।