जाट ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार अडिय़ल रवैया अपना रही है। किसानों को बेवजह परेशान करने के साथ चना खरीद बंद कर दी है। प्रशासन किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश करने में लगा है। उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया जा रहा। यदि सरकार ने मांग शीघ्र नहीं मानी तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। इस दौरान दूदू विधायक बाबूलाल नागर भी किसान पड़ाव में शामिल हुए और किसानों की समस्याएं सुनी। साथ ही मुख्यमंत्री को अवगत करवाने का आश्वासन दिया। जाट ने बताया कि किसानों को बाजार में चना बेचने पर करीब 1200 रुपये प्रति क्विंटल का नुकसान होता है।
खेत छोड़ सड़क पर बैठे किसान
किसानों ने बताया कि फसलों की बुवाई को छोड़कर वे सड़कों को पर बैठे हैं। ऐसे में आगामी फसल उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। बरसात से बचने के लिए कोई छत नहीं है। सोने, बैठने, खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। टै्रक्टरों पर चने की बोरियां लदी हुई हैं। वहीं बारिश शुरू होने से अब यहां रखे चने की भीगने की आशंका बनी हुई है। बार-बार बारिश से बचाव के लिए ट्रॉलियों को तिरपाल से ढक रहे हैं।