वहीं गागरडू में हनुमान सागर बांध से सिंचाई के लिए पानी छोडऩे को लेकर बुधवार को जल वितरण समिति की बैठक तहसीलदार सत्यवीर सिंह यादव व सिंचाई विभाग के सहायक अभियन्ता अनिल कुमार थारोल की मौजूदगी में हुई। बैठक में किसानों ने बांध की मोरी तत्काल खोलने की मांग की गई। इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने किसानों से विचार-विमर्श कर रबी फसलों की सिंचाई के लिए शाम सवा चार बजे बांध की मोरी खोलने का निर्णय लेकर इसे खोल दिया गया। इससे पहले छापरवाड़ा बांध से पानी छोड़ा गया।
इस मौके पर गागरडू जल उपभोक्ता संगम के अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा, सिंचाई विभाग की कनिष्ठ अभियंता संतोष चौधरी व कर्मचारी सहित अनेक किसान मौजूद थे। सहायक अभियंता ने बताया कि बांध में वर्तमान में 7.7 फीट पानी है। जिससे लगभग 1400 बीघा में सिंचाई होगी। ज्ञात रहे कि दूदू उपखंड कार्यालय सभागार में रबी फसलों की सिंचाई के लिए मंगलवार को छापरवाड़ा बांध जल वितरण समिति की बैठक समिति अध्यक्ष व एसडीएम दूदू राजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई थी। जिसमें दौरान छापरवाड़ा बांध के कमाण्ड क्षेत्र के काश्तकारों को रबी फसल की सिंचाई के लिए बांध से पानी छोडऩे को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
किसानों ने बांध से शीघ्र नहरों में पानी छोडऩे की मांग की। किसानों ने कहा था कि फसलों की सिंचाई को लेकर बांध की नहरें खोलने के समय में बहुत देर हो चुकी है। फसलें पानी के अभाव में सूख व जल रही हैं। इसलिए बांध से अतिशीघ्र ही पानी छोड़ा जाए ताकि फसलों को जीवनदान मिल सके। किसानों की मांग पर तुरंत ही कलक्टर ने अगले दिन बुधवार को नहरों में पानी छोडऩे के आदेश जारी कर दिए।
छापवाड़ा बांध में है 8.9 फीट पानी
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनिल थारोल ने बताया कि फिलहाल छापरवाड़ा बांध में 8.9 फीट व 345 मिलियन घन फीट पानी है। इस पानी से बांध कमाण्ड क्षेत्र की करीब 3 हजार हैक्टेयर यानी 20 हजार बीघा भूमि को रबी फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।