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बूंदों से किसानों के माथे पर पसीना, फसल खराबे की चिंता

locationबगरूPublished: Sep 23, 2018 10:53:20 pm

Submitted by:

Kashyap Avasthi

गोविन्दगढ़ क्षेत्र में 3950 हैक्टेयर फसल के खराब होने की आशंका

 farmers worry about crop failure by rain

बूंदों से किसानों के माथे पर पसीना, फसल खराबे की चिंता

चौमूं/गोविंदगढ़. अक्सर बारिश की बूंदें राहत लेकर आती हैं लेकिन धरतीपुत्रों के लिए हो रही बारिश ने उनके माथे पर पसीना ला दिया है। फसल खराबे को लेकर किसान बेहद चिंता में हैं। किसानों का मानना है कि अगर एक-दो दिन और इसी तरह बारिश होती रही तो बाजरे सहित अन्य फसलों को बचाना मुश्किल होगा। खेतों में फसल कटी हुई पड़ी है और इसे सूखने के लिए धूप की जरूरत है। अगर संकट के बादल नहीं छंटे तो किसानों को फिर से मायूस होना पड़ेगा।
बात करें गोविन्दगढ़ क्षेत्र की तो यहां दो दिनों से बदले मौसम के कारण रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसान परेशान हैं। खेतों में बाजरे की फसल पक चुकी है और अधिकांश किसान बाजरे की फसल को काटने की तैयारी कर रहे है या फिर कटाई शुरू कर दी है। लेकिन अचानक आई बारिश से फसल खराबे की आशंका है। किसान नाथुराम यादव, कजोड़ आदि ने बताया कि बारिश के कारण बाजरे के दाने काले पडऩे के साथ ही पशुओं को खिलाने वाला चारा भी खराब हो जाएगा। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा।
गोविन्दगढ़ कृषि पर्यवेक्षक करण सिंह शेखावत ने बताया कि गोविन्दगढ़ क्षेत्र के ग्राम पंचायत गोविन्दगढ़, मलिकपुर, ढोढ़सर, सिंगोद खुर्द, सिंगोद कलां, नांगल कलां, अणतपुरा चिमनपुरा में करीब 3950 हैक्टेयर में बाजरे की फसल है, जो लगभग तैयार हो चुकी है। बदले मौसम के कारण बाजरा काला पड़ सकता है जो किसी काम का नहीं रहेगा। वहीं पशुओं के चारे की कड़बी के भी खराब होने की संभावना है। किसानों ने बताया कि इससे पूर्व अधंड़ आने के कारण बाजरे की पसर गई थी, जिससे भी नुकसान हुआ। वहीं चौमूं समेत आस-पास क्षेत्र में रविवार रात तक रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा, जिससे न सिर्फ मौसम में ठंडक आ गई, बल्कि जनजीवन पर भी प्रभावित हुआ है। वहीं पुराने मकानों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ी हुई है। शनिवार से शुरू हुए कभी तेज रिमझिम तो कभी फुहार के रूप में होने वाली बारिश का दौर रविवार देर रात तक जारी रहा। गली-मोहल्लों एवं बाजारों में कीचड़ की स्थिति बन गई। इससे लोगों को आवाजाही में खासी परेशानी उठानी पड़ी। दिनभर बाजारों में बारिश के कारण अन्य दिनों की अपेक्षा लोगों की चहल-पहल कम नजर आई। शाम को भी जल्दी बाजार बंद हो गए। बारिश के कारण कई मकानों में सीलन आ गई है, इससे लोगों की चिंता बढ़ गई है। दो-तीन धूप के बाद बदले मौसम में मौसमी बीमारियों के रोगी भी बढ़ा दिए हैं। खांसी, जुकाम व बुखार के रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है।
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