6161 गैंग का गठन
इस मामले में शामिल अपराधियों द्वारा कस्बे व आसपास के गांव में क्रेशर मशीनों, होटल व्यवसायियों, कारोबारियों को हथियारों के बल पर धमकाने, फायङ्क्षरग कर दहशत फैलाने, रंगदारी वसूली जैसी अवैध गतिविधियों के प्रकरण दर्ज हैं। मुख्य आरोपी प्रदीप रावत ने अपने साथी बदमाशों के साथ आपराधिक ग्रुप 6161 बना कर युवाओं को अपराध की दुनिया की ओर धकेल रहा है। उसने यह गैंग उदयपुर की बैंक डकैती के बाद अपने कुछ अपराधिक साथियों को शामिल करते हुए स्वयं के मोबाइल नंबरों के मध्य के चार अंकों के आधार पर गठन किया है। सोशल मीडिया पर अपने गैंग के सदस्यों के साथ हथियारों की फोटो पोस्ट कर कोटपूतली व आसपास के क्षेत्र में रंगदारी वसूली का टारगेट बनाता है। इस घटना से पूर्व सरगना ने तस्करों से हथियार खरीदे और शाम को आलमपुर थाना बानसूर फार्म पर योजना बनाई गई। वारदात के बाद फिर से फार्म हाउस पर एकत्रित होकर वहां से दो अलग-अलग समूहों में विभाजित होकर फरारी काटने के लिए रवाना हो गए। इस गैंग के तार पड़ोसी जिला अलवर, भिवाड़ी, हरियाणा के महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी व मेवात क्षेत्र के अपराधियों से जुड़े हैं। गिरफ्तार अमित के खिलाफ सरूण्ड, प्रागपुरा व कोटपूतली में 9 मामले व विशाल के खिलाफ प्रागपुरा कोटपूतली में 7 अलग-अलग मामले दर्ज है।
सरिस्का के वन क्षेत्र में दी दबिश
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सरिस्का के वन क्षेत्र टहला की ढाणी कुंडला में आरोपियों के छिपे होने की सूचना पर टीम प्रभारी दिलीप ङ्क्षसह की अगुवाई में दबिश दी। इस पर आरोपी पुलिस को देख कर भाग गए। पुलिस ने दूर तक पीछा कर इनामी बदमाश भीमङ्क्षसह उर्फ अमित (23) निवासी ढाणी दयाराम ग्राम बेरी थाना प्रागपुरा व विशाल धानका (21) ढाढा सुदरपुरा थाना प्रागपुरा को दबोच लिया। पुलिस ने आरोपियों से दो देशी कट्टे, एक ङ्क्षजदा कारतूस व एक खाली खोल बरामद किया है। इनके विरुद्ध प्रागपुरा थाना क्षेत्र में क्रेशर प्लांट पर रंगदारी वसूली व फायङ्क्षरग के अलग आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। आरोपियों की सहायता करने वाले लोगों को चिन्हित कर इनकी भी तलाश शुरू की गई है।