LOCKDOWN: गणगौर पूजन किया, नहीं निकली गणगौर की सवारी
जयपुर. ग्रामीण अंचल में गणगौर का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया गया। महिलाएं सौलह श्रंगार कर घरों में एकत्रित होकर गणगौर का पूजन किया। अध्र्य देकर माता की कहानी सुनी। बाद में अपने से बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। पूजा अर्चना कर अपने पति की लम्बी उम्र की कामना की। सजी धजी महिलाएं आसपास के मौहल्लों में घरों में जाकर एक दूसरे को शुभकामनाएं भी दी। कस्बा में हर वर्ष की तरह शाही लवाजमे से निकलने वाली गणगौर नहीं निकलने से महिलाएं उदास नजर आई। वे शाम के समय घर के बाहर खड़ी होकर गणगौर माता के निकलने का इंतजार भी किया। महिलाओं ने बताया कि गणगौर की सवारी व मिठाईयों के बिना त्योहार फिका फिका रहा। उत्साह नहीं होने से केवल परम्परा निभाई। विधि विधान से किया गणगौर पूजन महिलाओ ने लॉकडाउन के चलते गणगौर माता की पूजा अर्चना की। उन्होंने माता से सुख समृद्धि, अखंड सुहाग तथा महामारी से बचाव व स्वस्थ रहने की कामना की। गृहणी मनभर देवी ने बताया कि पचास वर्ष के जीवन मे पहली बार गणगौर पूजा के लिए महिलाओं व बालिकाओं की लोक गीत गाती टोलियों के बगैर गणगौर पूजा की। उन्होंने मास्क लगाकर घरों में पूजा कर वीडियो कॉलिंग से एक दुसरे के साथ सामूहिक रुप से पूजा अर्चना में शामिल हुई। दूल्हा दुल्हन का रचा स्वांग गणगौर पूजने वाली युवतियां महामारी संक्रमण के चलते गाजे बाजे के साथ पर्व को नहीं मना सकी। जिसका बालिकाओं व महिलाओं में मलाल रहा। कई स्थानों पर महिलाओं ने कार्यक्रम को सीमित रखा तो कई जगह दूल्हा दुल्हन का स्वांग रचने वाली बालिकाओं ने मास्क पहन कर दूरी बनाए रखी।