इस दौरान यह उत्पाती बंदर करीब 28 जनों पर हमला कर घायल कर चुका है। जगदीश कादिया, सुरेन्द्र पलसानिया, गिरीराज बोहरा, हितेन्द्र लाटा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया की यह बंदर उत्पाती बंदर है। यह बंदर अब तक कस्बे में कई लोगों पर हमला कर घायल कर चुका हैं।
पूर्व वार्ड पंच रामकुवार मीणा ने बताया की बुधवार सुबह कस्बा निवासी स्वर्णकार समाज पावटा उपाध्यक्ष मोहन सोनी 45 वर्ष अपने घर पर सो रहे थे। तभी बंदर उनके कमरे में घुस गया और नोच खाया, जिससे वो बुरी तरह से घायल हो गए। बंदर ने घायल को नुकीले दांतों से काटकर लहूलुहान कर दिया। चीख पुकार की आवाज सुनकर परिवारजनों ने डंडा लेकर बंदर को भगाया और तुरंत घायलों को स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर पहुंचे। चिकित्सको ने बताया कि ड्रेसिंग के साथ बंदर खाए मरीज को एंटी रैबिज वैक्सीन व टिटनेश के टिका लगाया गया है।
जानकारी के अनुसार वनविभाग टीम पिछले 4 दिनों से बंदर पकडऩे क लिए डोर टू डोर घुम रही है, लेकिन बंदर पकडऩे में कामयाब नहीं हो पाए। इधर पावटा सरपंच उर्मिला अग्रवाल व सरपंच प्रतिनिधि निर्मल पंसारी ने बताया की जनभावना को देखते हुए व उत्पाती बंदर को पकडऩे के लिए पंचायत स्तर पर दो बार मथुरा से टीम बुलाकर बंदर पकड़वाए गए है। जिसमें दोनों बार ही 15 से 20 बंदर पकड़े गए है। निर्मल पंसारी ने बताया की यह उत्पाती बंदर बड़ा चालाक है, इसलिए पकड़ से बाहर है। इस संबंध मे कोटपूतली एसडीएम व जिला कलेक्टर जयपुर से भी इस उत्पाती बंदर को पकड़वाने की मांग की जा चुकी है।
जानकारी के अनुसार पावटा अनाज मंडी में कई सैकड़ों की तादाद में इस उत्पादी बंदर को पकड़वाने में प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाने पर आमसभा की गई थी, लेकिन प्रशासन ने आंखे इस प्रकार से मुंद रखी है की उस दिन आमसभा में तहसील प्रशासन से कोई भी कर्मचारी नहीं पहुंचा। जिससे प्रतीत होता है की स्थानीय प्रशासन इस उत्पाती बंदर को पकड़वाने में कितनी भागीदारी निभा रहा है।
पावटा तहसीलदार अभिषेकसिंह का कहना है कि मंै उस दिन छुटटी पर था, नायब तहसीलदार आए थे, लेकिन वीसी के कारण लेट हो गए थे।