मगरा की ढाणी निवासी महेन्द्र यादव ने बताया कि ओलावृष्टि से पूर्व तेज गर्जना होने पर ही विद्युतापूर्ति बंद हो गई थी,जिससे ओलावृष्टि होने पर भी घरों के अंदर व बाहर अंधेरा पसरा रहा। करीब एक घंटे बाद बिजली आने पर राहत मिली।
यूं तो खेतों में वर्तमान में गेहूं, जौ, सरसों व तारामीरा आदि की फसल है, लेकिन गेहूं व जौ के पौधे छोटे होने के कारण उनको ओलावृष्टि से आंशिक नुकसान हो सकता है, लेकिन सरसों व तारामीरा में फूल आने के कारण इनमें नुकसान की आशंका ज्यादा है। किसान हरबक्श बाज्या की मानें तो भूतेडा में छोटे रसगुल्लों के बराबर ओले गिरे हैं। इससे सरसों की फसल में भारी नुकसान है।
ओलावृष्टि का असर न सिर्फ फसलों पर पड़ा है, बल्कि गुरुवार को शादी-विवाह समेत अन्य उत्सव होने के कारण वहां भी रंग में भंग पड़ सी गई। ओलावृष्टि से इन स्थानों पर भी अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। हालांकि शाम ७ बजे बाद मौसम साफ हो गया था, लेकिन सर्दी बढ़ गई।
बाबूलाल, हलका पटवारी आष्टीकलां
बाबूलाल यादव, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र टांकरड़ा चौमूं