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किसानों की ‘उम्मीद’ पर गिरे ओले

– ओलावृष्टि से सरसों की फसल में नुकसान- 15 से 20 मिनट तक गिरे चना आकार के ओले, किसानों में मायूसी

बगरूDec 12, 2019 / 11:43 pm

Ramakant dadhich

किसानों की ‘उम्मीद’ पर गिरे ओले

किसानों की ‘उम्मीद’ पर गिरे ओले

चौमूं/हस्तेड़ा/उदयपुरिया. सांझ ढलते ही तेज गर्जना शुरू हो गई। अचानक मावठ की जगह ओलावृष्टि हुई तो गांव-मोहल्लों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ओलों की बारिश से बचने के लिए लोग घरों में घुस गए तो खुले में बंधे कई मवेशी तो बचने के लिए खूंटे तोडक़र इधर-उधर दौडऩे लगे। यह स्थिति गुरुवार देर शाम चौमंू उपखंड क्षेत्र के हस्तेड़ा, आष्टीकलां, भूतेड़ा, ढोढ़सर समेत आस-पास के गांवों में बनी रही। इस ओलावृष्टि से सरसों की फसल में सर्वाधिक नुकसान है, जिसे लेकर किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं।
जानकारी के अनुसार चौमूं शहर समेत उपखंड क्षेत्र में दिनभर बादल छाए रहे। सूरज कम निकलने के कारण सर्दी का अहसास बना रहा। शाम को तेज गर्जना शुरू हुई तो किसान मावठ की उम्मीद लगाए बैठे थे, जिससे फसलों को लाभ मिल सके, लेकिन हुआ इसके विपरीत। शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक मावठ के बजाय ओलावृष्टि शुरू हुई। उपखंड क्षेत्र के ढोढ़सर, मगरा की ढाणी, आष्टीकलां, आलीसर, दंभाकाबास, मंढा-भिंडा, किशनपुरा, नांगल गोविंद, भूतेड़ा, बाघों का बास, सिरसा, निवाणा, देवथला समेत आस-पास क्षेत्र के गांवों व ढाणियों में चने के आकार के ओले गिरने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कुछ पशुपालक तो मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में सफल रहे, लेकिन अधिकतर ओलावृष्टि के कारण ऐसा नहीं कर पाए, जिसके चलते कई जगह तो मवेशी खूंटे तोडक़र इधर-उधर भागते नजर आए। ऐसा सिलसिला करीब 15 से 20 मिनट तक चला।
बिजली भी हुई गुल
मगरा की ढाणी निवासी महेन्द्र यादव ने बताया कि ओलावृष्टि से पूर्व तेज गर्जना होने पर ही विद्युतापूर्ति बंद हो गई थी,जिससे ओलावृष्टि होने पर भी घरों के अंदर व बाहर अंधेरा पसरा रहा। करीब एक घंटे बाद बिजली आने पर राहत मिली।
फसल में नुकसान
यूं तो खेतों में वर्तमान में गेहूं, जौ, सरसों व तारामीरा आदि की फसल है, लेकिन गेहूं व जौ के पौधे छोटे होने के कारण उनको ओलावृष्टि से आंशिक नुकसान हो सकता है, लेकिन सरसों व तारामीरा में फूल आने के कारण इनमें नुकसान की आशंका ज्यादा है। किसान हरबक्श बाज्या की मानें तो भूतेडा में छोटे रसगुल्लों के बराबर ओले गिरे हैं। इससे सरसों की फसल में भारी नुकसान है।
विवाह के रंग में भंग
ओलावृष्टि का असर न सिर्फ फसलों पर पड़ा है, बल्कि गुरुवार को शादी-विवाह समेत अन्य उत्सव होने के कारण वहां भी रंग में भंग पड़ सी गई। ओलावृष्टि से इन स्थानों पर भी अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। हालांकि शाम ७ बजे बाद मौसम साफ हो गया था, लेकिन सर्दी बढ़ गई।
इनका कहना है…

– आष्टीकला हलका के अलावा आसपास के हलका क्षेत्र में ओलावृष्टि से सरसों में नुकसान होने की जानकारी किसानों ने दी है। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है।
बाबूलाल, हलका पटवारी आष्टीकलां
– ओलावृष्टि से सरसों व तारामीरा में नुकसान है, लेकिन गेहूं व जौ की फसल को कोई नुकसान नहीं है।
बाबूलाल यादव, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र टांकरड़ा चौमूं

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