परिजन नहीं मान रहे आत्महत्या
मृतक व्यापारी का परिवार अलवर का रहने वाला था लेकिन जयपुर स्थित जौहरी बाजार में ज्वैलरी की दुकान थी। इसकी वजह से पांच साल से जामडोली स्थित राधिका विहार कॉलोनी में घर बना रहा था। घटना की जानकारी लगने के बाद गांव से परिजन मौके पर पहुंचे और मृतकों के पांव नीचे फर्श पर लटके देख आत्महत्या करने को लेकर असमंजस की स्थित जाहिर की।
कर्ज मांगने आते थे कुछ लोग
स्थानीय कॉलोनीवासियों ने बताया कि मृतक यशवंत सोनी के पास आए दिन कोई न कोई व्यक्ति कर्जा मांगने वाले आते थे, लेकिन कोरोना के चलते कारोबार ठप रहने के कारण यशवंत चिंतित था, शुक्रवार को भी एक महिला व कुछ लोगो पैसे मांगने आए थे। इस बात पर दोनों में झड़प हो रही थी। कर्जे से परेशान यशवंत सोनी ने मकान व दुकान को बेचकर कर्जा चुकाने की सोच रखी थी और पैसे लेने आए महिला को ये सब बेचकर जल्दी पैसे देने की बात कही थी। शनिवार सुबह भी पांच लोग आए थे जिनको पड़ोसियों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया।
मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने की रखी मांग
परिजनों ने पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से करवाने की मांग की है, लेकिन पुलिस के अनुसार प्रथम दृष्टया आत्महत्या ही बताया जा रहा है। मोके पर मौजूद एडीसीपी मनोज चौधरी ने बताया कि प्रथम दृष्टया देखने पर पूरा मामला आत्महत्या का लग रहा है। शरीर पर किसी भी प्रकार के अन्य निशान नहीं दिख रहे हैं। दूसरी तरफ मकान के सारे दरवाजे अंदर से बंद थे, लेकिन प्रत्येक एंगल से मामले की जांच में जुटी हुई है। बस्सी एसीपी सुरेश सांखला ने बताया की घटना के दिन सुबह मृतक के घर आए कुछ लोगों को कॉलोनीवासियों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा। इनसे भी पूछताछ की जाएगी। मृतकों के पास से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है।