केकडी से जयपुर तक इस मार्ग पर कहीं भी सड़क पर डिवाइडर नहीं हैं, लेकिन लदाना मोड़ से मुहाना मोड़ तक अधिक हादसे घटित हो रहे हैं। यहां सड़क की चौड़ाई कम होने के कारण आमने-सामने से आने वाले बड़े वाहनों के आगे-पीछे चलने वाले दुपहिया वाहन चालक आए दिन हादसों का शिकार हो जा रहे हैं। पिछले सात माह में स्टेट हाइवे पर फागी थाना इलाके में 16 लोगों के जीवन डोर टूट चुकी है। वहीं आए दिन हो रहे हादसों से 150 से अधिक लोग घायल हो अस्पताल पहुंच चुके हैं।
सड़क के दोनों ओर अधूरा कार्य
लोगों का कहना है कि सार्वजनिक निर्माण मंत्री को पत्र भेजकर सड़क की सीमा बढ़ाने के लिए कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डिवाइडर के अभाव में दौड़ते भारी वाहनों से बचने के लिए दुपहिया वाहन चालक कच्चे में वाहन उतारते हंै तो वहां नुकीले पत्थर जानलेवा साबित हो रहे हैं।
संकेतक नहीं होने से हादसे
सांगानेर से लेकर उपखंड क्षेत्र की अंतिम सीमा निमेड़ा गांव तक संकेतक बोर्ड नहीं हैं। ऐसे में अचानक वाहन मुड़ जाते हैं और हादसे घटित हो रहे हैं। सर्दी के मौसम में हादसों का ग्राफ बढ़ जाता है। वहीं पेट्रोल पंप को दर्शाने वाले भी संकेतक नहीं हैं। फागी से ९ किमी दूर निमेड़ा गांव तक चार यूटर्न के विकट मोड़ हैं। वहीं फागी, भोजपुरा, हरसूलिया, जयचन्द का बास, झाड़ला, ढाणी मुसलमान सहित अन्य गांवों में लिंक रोड पर भी बोर्ड नहीं होने के कारण हादसे हो रहे हैं।
ये हैं किलर पॉइंट
– केरिया मोड़
– रेनवाल मांजी टोल घुमाव
– हरसूलिया मोड़
– बाग की ढाणी भोजपुरा मोड़
– काग्या मोड़
– मांदी मोड़
– लसाडिय़ा मोड़
– निमेड़ा मोड़
– बाण्यावाली घुमाव इनका कहना है….
सड़क मार्ग पर आवश्यक रूप से संकेतक बोर्ड लगने चाहिए। इसके लिए संबंधित विभाग को निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही बोर्ड लगाने का कार्य शुरू कराया जाएगा ताकि हादसों में कमी आ सके।
– डॉ. राकेश कुमार मीणा, उपखण्ड अधिकारी फागी।