scriptजोबनेर कृषि विश्वविद्यालय की तस्वीर के साथ बदलेगी विद्यार्थियों की तकदीर, विदेशों में तकनीक से होंगे रूबरू | Jobner Agricultural University Students life will change | Patrika News

जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय की तस्वीर के साथ बदलेगी विद्यार्थियों की तकदीर, विदेशों में तकनीक से होंगे रूबरू

locationबगरूPublished: Jun 18, 2020 11:53:15 pm

Submitted by:

Kashyap Avasthi

– आईसीएआर नई दिल्ली की ओर से मिलेंगे 25 करोड़ रुपए

जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय की तस्वीर के साथ बदलेगी विद्यार्थियों की तकदीर,  विदेशों में तकनीक से होंगे रूबरू

जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय की तस्वीर के साथ बदलेगी विद्यार्थियों की तकदीर, विदेशों में तकनीक से होंगे रूबरू

जयपुर. जिले के जोबनेर स्थि श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय की जल्द ही तस्वीर बदलेगी। इसके लिए नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से विवि. को उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लि राष्ट्रीय उच्च शिक्षा परियोजना के अंतर्गत आगामी 3 वर्ष में लगभग 25 करोड़ की राशि दी जाएगी।

विवि. के कुलपति डॉ. जे.एस.संधू ने बताया कि आईसीएआर का पत्र मिला है। अब विवि. के विकास में नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा भी 5 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। ऐसे में लगभग 30 करोड़ विवि. को मिलेंगे। डॉ. संधू ने बताया कि इन तीन वर्ष के दौरान विवि. के विद्यार्थी, शिक्षक दुनिया की श्रेष्ठ प्रयोगशालाओं व संस्थानों में जाकर नई तकनीक व जानकारियों से रूबरू होकर इनका अध्ययन कर सकेंगे।

ज्ञात रहे कि कुलपति बनने के बाद डॉ. संधू ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया था। इसके बाद 25 करोड़ का प्रोजेक्ट विवि को मिला है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्नातक स्तर पर कृषि शिक्षा की गुणवत्ता व विद्यार्थियों की प्रतिभा का चहुंमुखी विकास करना है। इस परियोजना को लेकर अधिष्ठाता डॉ. ए.के.गुप्ता व निदेशक शिक्षा डॉ. एम.एल जाखड़, डॉ बी.एल.ककरालिया, डी.के.गोठवाल, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. के.के. खण्डेलवाल का योगदान अहम रहा।

प्रयोगशालाएं होंगी हाइटेक


कुलपति ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के चलते विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं बन सकेंगी, जहां विद्यार्थी अपने शोध कार्य कर सकेंगे। बल्कि विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं को जाकर देख सकेंगे। परियोजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि देने वाला बनाना है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो