विवि. के कुलपति डॉ. जे.एस.संधू ने बताया कि आईसीएआर का पत्र मिला है। अब विवि. के विकास में नए आयाम स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा भी 5 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। ऐसे में लगभग 30 करोड़ विवि. को मिलेंगे। डॉ. संधू ने बताया कि इन तीन वर्ष के दौरान विवि. के विद्यार्थी, शिक्षक दुनिया की श्रेष्ठ प्रयोगशालाओं व संस्थानों में जाकर नई तकनीक व जानकारियों से रूबरू होकर इनका अध्ययन कर सकेंगे।
ज्ञात रहे कि कुलपति बनने के बाद डॉ. संधू ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया था। इसके बाद 25 करोड़ का प्रोजेक्ट विवि को मिला है। परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्नातक स्तर पर कृषि शिक्षा की गुणवत्ता व विद्यार्थियों की प्रतिभा का चहुंमुखी विकास करना है। इस परियोजना को लेकर अधिष्ठाता डॉ. ए.के.गुप्ता व निदेशक शिक्षा डॉ. एम.एल जाखड़, डॉ बी.एल.ककरालिया, डी.के.गोठवाल, डॉ. मनोज शर्मा, डॉ. के.के. खण्डेलवाल का योगदान अहम रहा।
प्रयोगशालाएं होंगी हाइटेक
कुलपति ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के चलते विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय प्रयोगशालाएं बन सकेंगी, जहां विद्यार्थी अपने शोध कार्य कर सकेंगे। बल्कि विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं को जाकर देख सकेंगे। परियोजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि देने वाला बनाना है।