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लापरवाही खा रही किसानों का कलेवा

locationबगरूPublished: Sep 24, 2018 11:01:13 pm

Submitted by:

Kashyap Avasthi

चौमूं के किसान कलेवा केन्द्र पर तीन माह से ताले

kisan kaleva kendra closed for 3 months

लापरवाही खा रही किसानों का कलेवा

चौमूं. देशभर की मंडियों में विशेष पहचान बना चुकी चौमूं कीकृषि उपज मंडी के परिसर में किसान कलेवा केन्द्र बंद होने से किसानों व मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। मंडी प्रशासन एवं संवेदक इसके बंद होने के पीछे ऑफ सीजन बता रहे हैं, जबकि किसान इसे बंद देखकर बैरंग लौट रहे हैं। जून के बाद इसके ताले नहीं हैं।
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने चौमूं की कृषि उपज मंडी में मूंगफली समेत अन्य जिंस लेकर बाड़मेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, सीकर, झुंझुनूं, नागौर समेत आस-पास के जिलों से रोजाना बड़ी संख्या में किसान आते हैं। माल की आवक अधिक होने के कारण किसानों को कई बार कई-कई दिनों तक मंडी में रुकना पड़ता है। माल उतारने-चढ़ाने वाले मजदूरों की भी यही स्थिति रहती थी। इस दौरान उनके सामने खाने-पीने की समस्याएं रहती हैं। इसके मद्देनजर करीब पांच साल पहले राज्य सरकार ने लाखों रुपए की लागत से मंडी परिसर में किसान कलेवा केन्द्र के भवन का निर्माण करवाया और किसान कलेवा योजना शुरू भी की।
ये है योजना
सूत्रों के अनुसार किसान कलेवा योजना के तहत किसानों एवं अनुज्ञा पत्रधारी हमालों (पल्लेदार) के लिए 5 रुपए प्रति थाली की रियायती दर पर भोजन व्यवस्था उपलब्ध करवाना है। इस एक थाली में छह चपाती, एक कटोरी दाल , एक कटोरी सब्जी देने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त सर्दियों में अक्टूबर से मार्च तक थाली में 50 ग्राम गुड़ एवं गर्मियों में अप्रेल से सितम्बर तक थाली के साथ 200 मि.ली. छाछ मैन्यू में शामिल है।
उम्मीदों पर फिरा पानी
योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं होने से इसका लाभ मंडी में आने वाले अधिकतर किसान नहीं उठा पाते हैं। स्थिति यह है कि मंडी प्रशासन ने किसान कलेवा के लिए 1 जून 2018 से नई निविदा खोलकर इसका ठेका जारी किया है, लेकिन इसके नियमित नहीं खुलने से मंडी में विभिन्न कार्यों से आने वाले किसानों एवं मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। माना जा सकता है कि उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
जून से अब तक कूपन नहीं
कृषि उपज मंडी सूत्रों ने बताया कि मंडी में माल लेकर आने वाले किसानों के लिए मंडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही कूपन व्यवस्था कर रखी है। किसानों के मांगने पर कूपन दिए जाते हैं। सूत्रों की मानें तो नए ठेके के दौरान जून से लेकर अब तक एक भी कूपन किसानों को नहीं दिया गया। इस बारे में मंडी प्रशासन का कहना है कि अभी सीजन ऑफ चल रहा है। आगामी दिनों में सीजन शुरू होगा। तब ही किसान माल लेकर आएंगे तो उनको कूपन जारी किए जाएंगे, लेकिन अभी तो किसी को नहीं दिए और ना ही किसी ने मांगा। गौर करने वाली बात ये है कि पल्लेदार तो मंडी में रोजाना आते हैं। इनके लिए कलेवा केन्द्र क्यों नहीं खोला जा रहा है।

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