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सीएचसी पर ताला, गेट पर सर्द रात में प्रसव पीड़ा से कराहती रही गर्भवती

locationबगरूPublished: Jan 21, 2022 12:43:50 am

Submitted by:

Ramakant dadhich

– जिम्मेदारों की शिथिलता के चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही

सीएचसी पर ताला, गेट पर सर्द रात में प्रसव पीड़ा से कराहती रही गर्भवती

सीएचसी पर ताला, गेट पर सर्द रात में प्रसव पीड़ा से कराहती रही गर्भवती

रेनवाल मांजी. सरकारी दावे से अलग ग्रामीण इलाके में चिकित्सा सुविधा अब भी लोगों के लिए दूर की कौड़ी साबित हो रही है। जिम्मेदारों की शिथिलता के चलते लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। गांवों के बड़े अस्पतालों में रात में एक भी चिकित्सकर्मी नहीं रुकने से गर्भवतियों को दर्द झेलना पड़ रहा है और उन्हें आखिर शहर का रुख करना पड़ रहा है। लेकिन विभाग के बड़े अधिकारी आंखें मूंदें हैं। ऐसी ही स्थिति रेनवाल मांजी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बुधवार रात देखने को मिली जब ताला लटका होने से प्रसव के लिए पहुंची गर्भवती अस्पताल के बाहर दर्द से कराहती रही।
जानकारी के अनुसार कस्बा निवासी एक गर्भवती को रात में प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर रात करीब 1 बजे कस्बे में स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। लेकिन यहां अस्पताल के गेट पर ताला लगा होने के साथ ही अस्पताल में एक भी चिकित्सक मौजूद नहीं होने से गर्भवती अस्पताल के बाहर करीबन 40 मिनट तक प्रसव पीड़ा से कराहती रही। आखिर परिजन उसे लेकर सांगानेर के सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां से गर्भवती को जयपुरिया अस्पताल के लिए रैफर करने पर वहां भर्ती करवाया गया।
पांच चिकित्सक, सभी नदारद: राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेनवाल मांजी में 5 डॉक्टर कार्यरत हैं। लेकिन शाम होते ही सभी चिकित्सक ताला बंद कर यहां से रवाना हो जाते हैं। जबकि नियमानुसार सीएचसी होने के चलते अस्पताल का 24 घंटे खुले रहना जरूरी है। लेकिन चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्था है। इससे ग्रामीणों में रोष है।
मौके पर पहुंचे विधायक, लगाई फटकार
ग्रामीणों से गुरुवार सुबह घटना की जानकारी मिलते ही चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेनवाल मांजी पहुंचे। यहां अस्पताल प्रभारी मौके पर नहीं मिलने पर उन्हें फोन पर लताड़ लगाई। वहीं चिकित्सा कर्मियों को अस्पताल में व्यवस्थाएं सुधारने के लिए सख्त निर्देश दिए। ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय चिकित्सक नहीं रुकने से मरीजों को मजबूरन निजी चिकित्सालयों में जाना पड़ता है।
इनका कहना है….
यहां चिकित्सकों के लिए रात में रहने की व्यवस्था नहीं होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आगे से महिलाओं को कोई परेशानी नहीं आएगी।
डॉ. मणिकांत पारीक, प्रभारी
राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेनवाल मांजी
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