scriptजहर बनता जा रहा है नेवटा बांध का पानी | Poisoning is becoming the Nevata Dam's water | Patrika News

जहर बनता जा रहा है नेवटा बांध का पानी

locationबगरूPublished: Mar 11, 2019 11:23:00 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

– रंगाई-छपाई के खोल दिए कारखाने- दोहन के बाद दूषित जल छोड़ रहे पुन:बांध में

newata dam

जहर बनता जा रहा है नेवटा बांध का पानी

बगरू/ जयपुर. क्षेत्र में स्थित रंगाई-छपाई उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट व दूषित पानी के कारण नेवटा बांध का अमृत रूपी पानी जहर बनता जा रहा है। साथ ही इन उद्योगों में रोजाना लाखों गैलन बांध का पानी अवैध तरीके से उपयोग में लेकर दोहन के बाद दूषित जल पुन: बांध में छोड़ दिया जाता है।
यहां हैं कारखाने
सांगानेर से मुहाना के रास्ते व नेवटा से बगरू जाने वाले ढाई सौ फीट मार्ग पर नेवटा बांध के किनारे प्रतिदिन हजारों कपड़ों की धुलाई, रंगाई व छपाई का काम किया जा रहा है। इसके बाद दूषित पानी बांध में छोड़ा जा रहा है।

सिर्फ कर सकते हैं खेती
जल संसाधन अनुभाग के जेईएन सोहन चौधरी ने बताया कि बांध के भराव क्षेत्र के आसपास खेती की जा सकती है, लेकिन खेती की आड़ में यहां जो कपड़ों की रंगाई-छपाई का कार्य हो रहा है वह गलत है।
यों बन जाता जानलेवा
रंगाई-छपाई में उपयोग होने वाले रसायन जब जल के सम्पर्क में आते हैं तो उसमें ईडीटीए (ईथाइल डाइमिन टेट्रा एसिटिक एसिड), कॉपर क्लोराइड, कॉपर सल्फेट, बिस्मथ, मिथाइल वॉयलेट, कार्बन डाइ सल्फेट, ट्राई सोडियम फॉस्फेट आदि पानी में घुलकर पानी को जानलेवा बना देते हैं। इस संबंध में नागपुर में नेशनल एन्वायरमेन्टल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के बी.के. हाण्डा ने रिसर्च में इसका खुलासा किया है। ऐसा पानी पीने के लायक तो बिल्कुल नहीं रहता।
नेवटा बांध का दूर हो दर्द
ललित किशोर गोलाड़ा सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि नेवटा बांध पर बिल्डर के अवैध निर्माण के लिए डाली गई मिट्टी अभी बांध के भराव क्षेत्र में ही पड़ी है और अब कपड़ों के रंगाई-छपाई से पानी का दोहन कर वापस बांध में ही छोडऩे से जल में रासायनिक तत्वों का स्तर बढ़ रहा है। बांध के अस्तित्व को बचाने के लिए ग्रामीण लगातार संघर्ष करेंगे।
इनका कहना है…
– रंगाई-छपाई की सभी फैक्ट्रियों में काम आने वाले पानी को रिट्रीट करने के बाद ही छोडऩे के लिए पाबन्द कर रखा है। अगर कोई ऐसा नहीं कर रहा है, तो यह गलत है। एसोसिएशन ऐसी फैक्ट्रियों को पाबन्द करेगा।
राजेन्द्र जींदगर, सचिव, सांगानेर कपड़ा रंगाई-छपाई एसोसिएशन, जयपुर
– रसायनयुक्त पानी पीने के अलावा बाहरी सम्पर्क से भी उसमें अनेक जहरीले तत्व होते हैं। ऐसे पानी से मुंह धोने पर त्वचा सम्बन्धी कई विकार हो सकते हैं। आंखों में जाने पर जलन व उपयोग से कैंसर तक का खतरा रहता है।
डॉ. अमित सेठी, चिकित्सा प्रभारी, राजकीय चिकित्सालय, मानसरोवर, जयपुर
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