सूत्रों के मुताबिक पुलिस पूछताछ में कुख्यात बदमाश जीतू उर्फ जितेन्द्र ने बताया कि वह पैसा और अपराध जगत में नाम कमाने के लिए अपराधी बना। उसने दिल्ली, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, यूपी व मध्यप्रदेश में गैंग बना रखी थी।
इसमें उसके 60 गुर्गे शामिल हैं जो कि वारदातों को अंजाम देने में उसकी मदद करते थे। जीतू उत्तर प्रदेश व एमपी से हथियार खरीदता था और राजस्थान सहित तीनों राज्यों में इन्हें बेचने का काम करता था। पुलिस ने बताया कि वह आईटी का भी जानकार है। लोकेशन ट्रेस होने के चक्कर में वह मोबाइल में सिम नहीं रखता था। साथ ही वह शार्प शूटर (Shooter) भी है।
बड़ी वारदात (Big crime)का था इरादा
पुलिस पूछताछ में बदमाश ने बताया कि वह फि रौती के लिए एक दूसरे बदमाश का अपहरण व एक बगरू थाने के एक हिस्ट्रीशीटर को ठिकाने लगाने की फिराक में था। इसके बाद वह विदेश भागना चाहता था। वह 2013 से जेल में बंद था और करीब साढ़े तीन साल बाद बाहर आने के बाद से ही अपराध की दुनिया में फिर से शामिल हो गया।
फाटक (Railway ) बंद नहीं होता तो बच निकलता
पुलिस ने बताया कि जीतू कार अपने दिन-रात कार में गुजारता था और पुलिस से बचने के लिए दूसरे राज्यों की फर्जी नंबर प्लेट लगाकर कार में घूमता था। उस दिन जोबनेर थानाधिकारी फूलचंद शर्मा ने समय पर फाटक बंद करा दिया गया वरना वह बच निकलता। पुलिस की मानें तो जीतू सौ से अधिक की स्पीड में भी चलती कार में ड्राइविंग सीट चैंज कर लेता था और वह पुलिस से बचने के लिए कार की सर्विस भी दूसरे राज्यों में कराता था।