रेलवे का बड़ा योगदान
धानक्या के रेलवे स्टेशन से सटे इस स्मारक स्थल को भारतीय रेलवे की ओर से जमीन दी गई है। जिस जगह पैनोरमा बना है उसके ठीक पहले रेलवे का पुराना क्र्वाटर बना हुआ है। जिसमें प्रवेश करते ही पं. दीनदयाल उपाध्याय का जीवन दर्शाया गया है। इसके अलावा स्मारक स्थल को पर्यटकों से भी जोडऩे के लिए पैनोरमा में फोटो गैलेरी, छोटा थ्री डी ऑडिटोरिम है। तीन मंजिले पैनोरमा में पहली, दूसरी व तीसरी मंजिल पर पहुंचने के लिए लिफ्ट भी लगी हुई है। सबसे टॉप फ्लोर पर कांंफ्रेंस हॉल है।
सडक़ मार्ग को करना होगा विकसित
वर्तमान में भले ही यहां जयपुर से सीधे ट्रेनों का ठहराव हो, लेकिन धानक्या में बने इस स्मारक तक बस परिवहन के लिए ना तो पर्याप्त संसाधन है, ना ही माकूल सडक़ें। ऐसे में यहां पर सिंवार रेलवे फाटक से चांदना फार्म हाउस होते हुए राष्ट्रीय स्मारक के लिए सडक़ बने व बसों की माकूल व्यवस्था हो तो ना सिर्फ और अधिक लोग यहां तक पहुंच सकेंगे, बल्कि जिस उद्देश्य से स्मारक बनाया गया है उसका अधिकाधिक लोग लाभ ले सकेंगे।