शौचालयों में अनियमितता का मामला: तीन माह में तीसरी आई एसीबी
बगरूPublished: Sep 07, 2018 06:52:43 pm
दर्ज मामले की जांच करने के लिए चौमूं पहुंची एसीबी की टीम
शौचालयों में अनियमितता का मामला : तीन महीने में तीसरी आई एसीबी टीम
चौमूं (जयपुर). नगरपालिका चौमूं की ओर से स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत वार्ड 4 व 17 में बनवाए गए शौचालयों में अनियमितताओं के दर्ज मामले की जांच करने के लिए एसीबी की टीम शुक्रवार को चौमूं पहुंची, जहां सार्वजनिक निर्माण विभाग व नगरपालिका के कार्मिकों के साथ मौके पर जाकर जांच पड़ताल की। तीन महीने में तीसरी बार एसीबी टीम नगरपालिका में आने से इसकी चर्चा बनी रही।
जानकार सूत्रों के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगरपालिका ने ठेकेदार के जरिए पुराने वार्ड तीन (नया 4) एवं पुराने वार्ड 4 (नया 17) में करीब 82 शौचालयों का निर्माण करवाया गया था। सरकार की ओर से प्रत्येक शौचालय पर 12 हजार रुपए की लागत आई, लेकिन मिलीभगत के चलते कई परिवारों के शौचालयों का अधूरा छोड़ दिया है। इसके बावजूद नगरपालिका प्रशासन ने ठेकेदार को भुगतान कर दिया। इस मामले को राजस्थान पत्रिका में उठाने एवं वार्ड 4 की पार्षद अन्नू यादव की ओर से एसीबी में अनियमितताओं की शिकायत की थी। एसीबी ने प्रारम्भिक जांच के बाद पालिकाध्यक्ष, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी एवं ठेकेदार के खिलाफ मामले को दर्ज कर लिया था। इसके बाद 25 एवं 28 जून 2018 को एसीबी ने चौमूं में पहुंचकर नए वार्ड 4 में प्रत्येक शौचालय की जांच की थी, जिसमें अधिकतर शौचालय अधूरे मिले थे। इसी कड़ी में शुक्रवार को फिर एसीबी की टीम के निरीक्षक ब्रजपाल सिंह के नेतृत्व में नगरपालिका में पहुंची, जहां करीब दो घंटे तक एसीबी की टीम ने संबंधित दस्तावेजों की जांच की। इसके बाद नए वार्ड 17 (पुराना वार्ड 4) में संबंधित परिवारों के जाकर जांच पड़ताल की।
मकान देखकर सन्न रह गई टीम
एसीबी की टीम ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों की जांच करने वार्ड 17 में पात्र परिवार मुरलीधर के यहां पहुंचे तो आलीशान देखकर टीम के सदस्य, पीडब्ल्यूडी के एईएन चेतराम शर्मा, पालिका के लिपिक राजेन्द्र खडग़ावत आदि दंग रह गए। टीम ने मकान के मुखिया की इजाजत से मिशन के तहत बने शौचालय को देखा तो वह भी शानदार बना हुआ था। पूछताछ में मकान मालिक मुरलीधर ने टीम को बताया कि मकान तोड़कर बनाया है। शौचालय को भी दुबारा बनवाया है, जिस पर निरीक्षक ने माना कि सर्वे में गलती हुई है। इसके बाद टीम ने अन्य स्थानों पर जाकर आधा दर्जन से अधिक शौचालयों की जांच कर ली थी। शाम तक जांच पड़ताल चल रही थी। इससे पहले एसीबी टीम आने के दौरान न तो नगरपालिका कार्यालय में अध्यक्ष मौजूद थीं और न ही अधिशासी अधिकारी।