scriptकरोड़ों की भूमि को निगलने को तैयार है ‘अतिक्रमणÓ रूपी अजगर | Ready to swallow crores of land 'encroachment' dragon | Patrika News

करोड़ों की भूमि को निगलने को तैयार है ‘अतिक्रमणÓ रूपी अजगर

locationबगरूPublished: Jul 11, 2020 11:37:48 pm

Submitted by:

Ashish Sikarwar

शहर के मोरीजा रोड स्थित राजकीय गल्र्स कॉलेज की करोड़ों की भूमि पर चारदीवारी नहीं होने से अतिक्रमियों की नजरें लगी हैं। भूमि पर कई बार अतिक्रमण के प्रयास हुए लेकिन कॉलेज प्रशासन की मुस्तैदी से सफ ल नहीं हुए। अब कॉलेज प्रशासन ने उपखंड अधिकारी व तहसीलदार से भूमि का सीमांकन व पत्थरगढ़ी करवाने की मांग की है।

करोड़ों की भूमि को निगलने को तैयार है 'अतिक्रमणÓ रूपी अजगर

शहर के मोरीजा रोड स्थित राजकीय गल्र्स कॉलेज की करोड़ों की भूमि पर चारदीवारी नहीं होने से अतिक्रमियों की नजरें लगी हैं। भूमि पर कई बार अतिक्रमण के प्रयास हुए लेकिन कॉलेज प्रशासन की मुस्तैदी से सफ ल नहीं हुए। अब कॉलेज प्रशासन ने उपखंड अधिकारी व तहसीलदार से भूमि का सीमांकन व पत्थरगढ़ी करवाने की मांग की है।

जयपुर/चौमूं. शहर के मोरीजा रोड स्थित राजकीय गल्र्स कॉलेज की करोड़ों की भूमि पर चारदीवारी नहीं होने से अतिक्रमियों की नजरें लगी हैं। भूमि पर कई बार अतिक्रमण के प्रयास हुए लेकिन कॉलेज प्रशासन की मुस्तैदी से सफ ल नहीं हुए। अब कॉलेज प्रशासन ने उपखंड अधिकारी व तहसीलदार से भूमि का सीमांकन व पत्थरगढ़ी करवाने की मांग की है।
राज्य सरकार ने 1999 में चौमूं व अंचल की छात्राओं को उच्च शिक्षा दिलवाने के लिए राजकीय गल्र्स कॉलेज स्वीकृत किया था। 7 जुलाई 1999 को इसका शुभारंभ हुआ लेकिन भवन नहीं होने से चौमूं के नया बाजार स्थित राजकीय माहेश्वरी मावि में कक्षाएं लगना शुरू हुईं। इससे सैकड़ों छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए जयपुर, सीकर सहित अन्य शहर जाने से निजात मिली थी।

 

जेडीए ने की 5.01 हेक्टेयर भूमि स्वीकृत
जेडीए ने 2002 में भवन के लिए मोरीजा रोड पर विद्युत स्टेशन के पीछे 5.01 हेक्टेयर भूमि स्वीकृत की। 4 सितंबर 2002 को जेडीए ने कॉलेज प्रशासन को कब्जा दिया। 3 फरवरी 2006 को भवन का शिलान्यास हुआ और निर्माण होने पर कॉलेज शिफ्ट कर दिया गया। 2013 में स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू हुईं। वर्तमान में कॉलेज में ढाई हजार छात्राएं अध्यनरत हैं।

 

चारदीवारी का रहा समुचित अभाव
सूत्रों की मानें तो भवन निर्माण में ही चारदीवारी पूरी नहीं बनाई गई। अधिकतर हिस्से में चारदीवारी नहीं होने से आसपास के लोगों ने अतिक्रमण के प्रयास किए। कॉलेज प्रशासन की मानें तो कई बार जानकारी मिलने के तुरंत बाद प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटवाया। सीमांकन व पत्थरगढ़ी के बाद ही यह मालूम पड़ेगा कि कितनी भूमि पर अतिक्रमण है या नहीं। यही नहीं समुचित चारदीवारी नहीं होने से कोई भी कॉलेज परिसर में घुस जाता है। जानवर भी घूमते रहते हैं। इससे छात्राओं की सुरक्षा पर खतरा मंडराता रहता है। (कासं.)

 

सीमांकन का आग्रह किया है
चारदीवारी नहीं होने से कई बार अतिक्रमण के प्रयास किए गए, जिन्हें विफल कर दिया। अब तहसीलदार विनोद पारीक और उपखंड अधिकारी हिम्मत सिंह को सीमांकन करने का आग्रह किया है। सीमांकन के बाद विकास समिति व अन्य सहयोग से चारदीवारी बनवाने के प्रयास होंगे।
जीएन घसिया, प्राचार्य राजकीय गल्र्स कॉलेज चौमूं

जल्द कार्य करवाएंगे
कॉलेज प्राचार्य ने सीमांकन व पत्थरगढ़ी के लिए अवगत करवाया है। जल्द ही तहसीलदार को निर्देश देकर कार्य करवाया जाएगा।
हिम्मतसिंह, उपखंड अधिकारी, चौमूं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो