बिना अनुमति आबादी के बीच संचालित
चीथवाड़ी सहित आसपास के क्षेत्र में करीब 150 से अधिक भट्टियां बिना अनुमति संचालित हंै। यहां चीथवाड़ी मोड़ पर चौमंू-चंदवाजी रोड पर एक फैक्ट्री तो पेट्रोल पंप के बिल्कुल ही नजदीक है। कई जगह मुख्य बाजार व आवासीय घरों में ही बॉयलर लगे हैं, जहां दिन-रात चहल-पहल बनी रहती है। आबादी क्षेत्र में इन भट्टियों से निकलने वाले धुंए व अपशिष्ट से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। साथ ही आमजन की जान पर भी बनी है।
पहले भी हो चुके हादसे
शनिवार तडक़े जाटावाली में हुए हादसे से पहले भी क्षेत्र में दो बार बॉयलर फटने के हादसे हो चुके हैं। इससे पहले चीथवाड़ी में घनी आबादी के बीच लगी मावा फैक्ट्रियों में पहले दो हादसे हो चुके हैं। करीब पांच साल पहले चीथवाड़ी की एक फैक्ट्री में बॉयलर फटने से एक मजदूर की जान जा चुकी है। वहीं तीन साल पहले एक अन्य फैक्ट्री में बॉयलर फटने से एक मजदूर गंभीर घायल हो गया था। बॉयलर फटने से फैक्ट्री की छत पर लगे टीनशैड उडक़र 100 मीटर दूर जा गिरे थे। इसे लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन को आबादी क्षेत्र में संचालित फैक्ट्रियों को बंद करवाने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अग्निशमन यंत्र ना बीमा
चीथवाड़ी व आसपास की फैक्ट्रियों में स्थानीय और अधिकांशत मजदूर बाहरी राज्यों से आकर मजदूरी करते हैं। यहां यूपी, एमपी व बिहार के अलावा राजस्थान के विभिन्न जिलों से मजदूर मावा बनाने का काम करते हैं, जो त्योहारी सीजन में करीब 600 रुपए प्रतिदिन व सामान्य दिनों में 400 से 500 रुपए मजदूरी पर काम करते हैं। लेकिन सुरक्षा के इंतजाम उपलब्ध नहीं है। फैक्ट्रियों में न तो अग्निशमन यंत्र हैं और न ही मजूदरों का स्वास्थ्य या जीवन बीमा करवा है।
यह है नियम
श्रम व रोजगार अधिनियम 1923 के तहत बॉयलर आबादी क्षेत्र से दूर खुले स्थान पर स्थापित हों। बॉयलर स्थापित भूमि का प्रकार व बिजली कनेक्शन व्यावसायिक होना चाहिए। उद्योग व श्रम विभाग की अनुमति स्थानीय संस्था ग्राम पंचायत या अन्य से अनापत्ति प्रमाण जारी किया हुआ हो। कर्मचारियों का स्वास्थ्य व सुरक्षा बीमा व सुरक्षा संसाधन उपलब्ध होने चाहिए।
इनका कहना है..
– ग्राम पंचायत की ओर से मावा फैक्ट्रियों को किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण-पत्र या स्वीकृति पत्र नहीं दिया गया हैं।
शिल्पी जैन, सरपंच चीथवाड़ी इनका कहना है…
चीथवाड़ी व अन्य गांवों में संचालित मावा फैक्ट्रियों में लगे बॉयलर के मामले में शीघ्र ही जानकारी ली जाएगी। नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
हिम्मत सिंह, उपखंड अधिकारी चौमूं
– ग्राम पंचायत की ओर से मावा फैक्ट्रियों को किसी प्रकार का अनापत्ति प्रमाण-पत्र या स्वीकृति पत्र नहीं दिया गया हैं।
शिल्पी जैन, सरपंच चीथवाड़ी इनका कहना है…
चीथवाड़ी व अन्य गांवों में संचालित मावा फैक्ट्रियों में लगे बॉयलर के मामले में शीघ्र ही जानकारी ली जाएगी। नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
हिम्मत सिंह, उपखंड अधिकारी चौमूं