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भट्टियों से लिए मावा व रसगुल्ले के 9 सैंपल

locationबगरूPublished: Nov 03, 2018 10:53:30 pm

Submitted by:

Kashyap Avasthi

मावे में मिलावट का खेल : स्वास्थ्य विभाग की फिर कार्रवाई

Samples of Mawa and Rasgulla for factories

भट्टियों से लिए मावा व रसगुल्ले के 9 सैंपल

चौमूं. चार दिन में दूसरी बार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शनिवार को चौमूं क्षेत्र के मावा उत्पादक गांवों की दो दर्जन भट्टियों की जांच के बाद मावे के आठ सैम्पल लिए हैं वहीं रसगुल्ले का भी एक सैम्पल भरा। लेकिन टीम ने चौमूं या ग्रामीण क्षेत्र में संचालित मिठाई की दुकानों पर मावा निर्मित मिठाइयों की जांच नहीं की, जबकि दुकानदारों ने एक सप्ताह पहले ही मिठाइयों का स्टॉक कर लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चौमूं क्षेत्र में चौपड़ा की ढाणी में शिवदयाल चौपड़ा, कमल सेडू, बंशीधर शर्मा, लालाराम, राजूलाल, ग्राम इटावा भोपजी में शिव शक्तिमावा भंडार, देवथला में एनआरबी मावा भंडार, जयपुर मावा पनीर उद्योग, निवाणा में चोरिया पनीर मावा भंडार से मावा के 8 और रसगुल्ला के 1 सैंपल मिलावट होने का अंदेशा होने पर सैंपल लिए हैं। इन सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा। टीम में फूड सेफ्टी ऑफिसर सुशील चोटवानी, सुनील गर्ग शामिल थे। चोटवानी ने बताया कि दीपावली त्योहार पर खाद्य पदार्थों के मिलावट और मिलावटी मिठाइयों पर नियंत्रण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम भट्टियों की जांच के लिए सुबह 6 बजे ही चौमूं क्षेत्र के गांवों में पहुंच गई थी। टीम ने करीब दो दर्जन मावा बनाने की फैक्ट्रियों का निरीक्षण भी किया।
व्यापारियों में मचा हड़कंप
स्वास्थ्य विभाग की फूड सेफ्टी टीम की कार्रवाई की सूचना मिलते ही मावा कारोबारियों में हड़कंप मच गया। बाद में एक-दो जगह व्यापारियों ने मावे तैयार कर रहे श्रमिकों को मावा बनाने से रोका। सूत्रों की मानें तो चौमूं सहित ग्राम उदयपुरिया, इटावा, देवथला, निवाणा, जाटावाली, मोरीजा, जयसिंहपुरा, चीथवाड़ी, बांसा समेत आसपास की दर्जनों ढाणियों में मावा तैयार किया जा रहा है, जो चौमूं क्षेत्र सहित जयपुर के अलावा आसपास के क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में सप्लाई किया जाता है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
मावे में मिलावट के खेल को लेकर पत्रिका ने 28 अक्टूबर को ‘त्योहारी मावे का तिलिस्म, दूध से सवाया बन रहा मावाÓ, 29 अक्टूबर को ‘अनुमति ना सुरक्षा इंतजाम, दिन-रात काम एवं ‘छापे का डर, रात को बन रहा मावा शीर्षक से सिलसिलेवार खबर प्रकाशित की गई तो चिकित्सा विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मचा। इसके बाद 30 अक्टूबर को चीथवाड़ी, गोलाड़ा, समरपुरा, बांसा आदि गांवों में आठ सैम्पल लिए। फिर 3 नवम्बर को ‘सैम्पल महज रस्म अदायगी शीर्षक से खबर प्रकाशित किया तो फिर चिकित्सा विभाग के जिम्मेदार चेते और शनिवार को ही देवथला, निवाणा, इटावा भोपजी सहित आसपास की मावा भट्टियों की जांच की गई और सैंपल लिए।
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