कोटपूतली (Kotputli) के पास शुक्लाबास में मुकदम की ढाणी की रहने वाली निशा ने बचपन में काफी संघर्ष किया है। निशा ढाणी से 6 किलोमीटर दूर पैदल चलकर पढऩे जाती (Used to study by walking 6 kilometers) थी। निशा का गांव कोटपूतली से करीब 17 किलोमीटर दूर है।
निशा की एक बहन आइएएस IAS, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर software engineer, एक पुलिस ऑफिसर police officer और एक एजुकेशन फील्ड से जुड़ी हैं। वहीं निशा मॉडलिंग के साथ दिल्ली में लॉ प्रैक्टिस भी कर रही हैं।
निशा ने बताया कि पिता ने समय के साथ बदलते हुए बाद में सभी बहनों को आजादी दी। गांव व समाज के लोग इसके खिलाफ थे The people of the village and society were against it, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की। जिसका परिणाम है कि हम सभी बहनें आज अच्छे मुकाम तक पहुुंची हैं। मेरी एक बहन आइएएस है। निशा बताती हैं कि पिता ने जब बहनों को काम की आजादी दी तो गांव वालों ने इसका विरोध किया, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और सबका विरोध झेलते हुए बेटियों को काबिल बनाया।
स्मृति ईरानी की ओर से इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए निशा के वीडियो को कुछ ही समय में सवा लाख से अधिक लोगों ने पसंद किया। साथ ही मंत्री ने सभी लोगों को यह भी संदेश दिया कि पहले पढ़ाई इसके बाद बेटियों की शादी के बारे में सोचना चाहिए (After studying, should think about the marriage of daughters) और बालिग होने के बाद जब उनकी इच्छा हो तब परिजनों को उनकी शादी करनी चाहिए।